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किसानों के लिए सरकार लेकर आई 'गौ चिप' और 'महिष चिप', जानें इनके फायदे

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डेयरी क्षेत्र में पशुपालकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कई प्रयास किये जाते हैं. अब सरकार ने इस क्षेत्र में सस्ती स्वदेशी तकनीकों के इस्तेमाल की भी घोषणा की है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की तरफ से इसकी जानकारी दी गई.पशुपालकों के लिए गोजातीय पशुओं के लिए एक एकीकृत जीनोमिक चिप का विकास किया है. आयात की निर्भरता को कम करने और घरेलू समाधानों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने पर सरकार पूरा ध्यान दे रही है.सरकार ने बताया कि मवेशियों के लिए नई तकनीकों का विकास किया जा रहा है. जिनमें जीनोमिक 'गौ चिप' और 'महिष चिप' (Cow Chip and Mahish Chip) का विकास भैंसों के लिए किया गया है. जिनमें जीनोटाइपिंग की भी सुविधा मिलेगी. पशुपालकों के लिए शुरू की गई इस नई तकनीक को लाने का उद्देश्य आनुवंशिक सुधार कार्यक्रमों में तेजी लाना है और पशुपालकों की आय में सुधार करना है.पशुपालन में वृद्धि से किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी. सरकार पशुओं के जन्म के लिए दी जाने वाली खुराक की के उत्पादन को बढ़ा रही है. ये खुराक पहले 1,000 रुपये में उपलब्ध कराई जाती थी, जिसके लिए अब 200 रुपये चुकाने होंगे.इसके अलावा सरकार असंगठित दूध क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को संगठित क्षेत्र में लाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा पशुओं के लिए चारे की कमी को दूर करके चारे की मात्रा को बढ़ाने के लिए भी प्रयास किये जाएंगे.इस क्षेत्र में कम बजट के बाद भी सरकार कई परियोजनाओं की शुरुआत कर रही है. ताकि इस क्षेत्र का विकास तेजी से किया जा सके. इतना ही नहीं सरकार द्वारा मत्स्य पालन के क्षेत्र में मछुआरों की आय बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है. मछुआरों को एक लाख मुफ्त स्वदेशी ट्रांसपोंडर दिए जाएंगे. जिन्हें एंड्रॉइड मोबाइल फोन से जोड़ा जाएगा. इस के अलावा पांच एक्वा और तीन फिश हार्बर के निर्माण को भी मंजूरी मिली है.
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