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बहराइच में आदमखोर छठे भेड़िए को ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला, मां के साथ सो रहे बच्चे पर किया हमला

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बहराइच: लंबे इंतजार के बाद देर रात छठा भेड़िया अचानक सामने आने पर ग्रामीणों ने उसे पीट-पीटकर मार डाला। वन विभाग ने भी एक भेड़िए के मारे जाने की पुष्टि की है। पिछले 17 अगस्त से आतंक का पर्याय बने भेड़िए के झुंड के आखिरी भेड़िये को महसी इलाके के तमाचपुर में ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। भेड़िया आबादी में बकरी उठाने गया था। बकरी उठाने से पहले मच्छरदानी में अपनी मां के साथ सो रहे नियाज पर भेड़िए ने हमला किया, मां चिल्लाने लगी तो भेड़िया बकरी के बच्चे को उठा कर भागा, लेकिन ग्रामीणों ने उसे घेर कर मार दिया। प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि हरबख्शपुर से घटना की दूरी 15 से 20 किलोमीटर होगी। भेड़िया अपने मूल स्थान से 15-20 किलोमीटर आसानी से चला जाता है। ऐसे में लगता है, यह वही भेड़िया है, जिसकी तलाश थी। दूसरी बात हम लोग ड्रोन में जिस भेड़िए की तस्वीरें देख रहे थे, उसके रंग रूप से भी यह मेल खाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोई नया भेड़िया आबादी में नहीं जाएगा और इसने आबादी में जाकर बकरी पर हमला किया। भेड़िए को मारने की होगी जांचउन्होंने कहा कि जब पुष्टि हो जाएगी कि अब कोई भेड़िया नहीं बचा तभी क्षेत्र से वन विभाग की टीम हटेगी। भेड़िए को ग्रामीणों ने मार दिया, इस संबंध में एसडीओ को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। वह यह जांच करेंगें कि आखिर किन परिस्थितियों में भेड़िए को ग्रामीणों ने मारा। 10 लोगों को मौत के घाट उताराछठे भेड़िए की मौत के बाद ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है, क्योंकि भेड़िए का झुंड एक महिला और 9 बच्चों सहित दस लोगों को मौत घाट उतार चुका था। वहीं 54 लोगों को घायल कर चुका था। महसी इलाके के सम्मानित समाज सेवी दिवाकर पाण्डेय ने बताया कि लगभग दो महीने से हम लोग पूरी नींद नहीं ले पाए हैं। रात-रात भर गांव में भेड़िए के डर से पहरा देना पड़ता था और दूसरे लोगों को भी पहरा देने के लिए प्रेरित करना पड़ता था। यहां तक कि भीषण गर्मी होने के बावजूद लोगों को खुले में सोने से रोका जाता था। सीएम योगी तक पहुंचे थे क्षेत्र का दौरा करनेभेड़िए का आतंक कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समस्या के निदान के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं क्षेत्र में आए थे। वन मंत्री अरुण सक्सेना तीन बार क्षेत्र का दौरा कर चुके थे। वन विभाग की 25 टीमें भेड़िए को पकड़ने में लगी हुई थी। मुख्य वन संरक्षक मघ्यजोन रेनु सिंह ने भेड़िए को पकड़ने के महीनों जिले में कैंप किया। इस क्षेत्र के विधायक सुरेश्वर सिंह खुद रात-रात भर जाग कर क्षेत्र का दौरा कर रहे थे। जिला प्रशासन ने भी दरवाजे और लाइट के लिए स्पेशल बजट इस इलाके को दिया था। सुरक्षा की दृष्टि से चार थाने की पुलिस और दो कंपनी पीएसी तैनात की गई थी।
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