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16 साल की उम्र में खोई सुनने की क्षमता, फिर 4 महीने में बनीं आईएएस, जानिए सौम्या शर्मा की कहानी

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Saumya Sharma : यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली यूपीएससी (सिविल सेवा परीक्षा) में सफलता वही लोग हासिल कर पाते हैं, जिनमें बहुत साहस और जज्बा होता है. आज हम एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी की कहानी, जज्बे को लोग सलाम करते हैं. कलेक्टर का पद हमारे देश में प्रतिष्ठित माना जाता है. लेकिन लाखों में से कुछ ही लोग इस पद को प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि इस पद (Saumya Sharma) के लिए होने वाले एग्जाम को हर कोई पास नहीं कर पाता है.

कुछ लोग इस परीक्षा को पास करने के लिए वर्षों का समय लगाते हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं तो अपनी क्षमता के दम पर बेहद कम समय में ही इस चुनौती को पार कर लेते हैं.

आईएएस Saumya Sharma जो बनीं मिसाल image

आज हम ऐसी ही एक आईएएस के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने इस परीक्षा को पास करने में बेहद कम समय लगाया. हम बात कर रहे हैं सौम्या शर्मा कि जिन्होंने कड़े संघर्षों के बाद यह मुकाम हासिल किया हैं. वो अपने लक्ष्य से डगमगाईं नहीं और यूपीएससी में सफलता प्राप्त की.  इतना ही नहीं वह रैंकिंग में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भी शीर्ष पर रही. ऐसी ही कहानी है सौम्या शर्मा (Saumya Sharma) की. जिन्होंने कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी में टॉप भी किया.

UPSC परीक्षा में खुद पढ़ाई कर पाई नौवीं रैंक image

सौम्या (Saumya Sharma) ने 2017 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में AIR 9 रैंक हासिल की. दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली से ही पूरी की. इसके बाद उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल से लॉ की डिग्री प्राप्त की. उस समय उन्होंने आई रुकावटों से हार नहीं मानी. यूपीएससी परीक्षा 2017 में पहले ही प्रयास में नौवीं रैंक लाकर टॉप किया. सौम्या की प्रेरणादायक कहानी उनमें से है जो अपने स्तर से किसी भी परीक्षा में सफल होना चाहते हैं. परीक्षा के समय वह (Saumya Sharma) बुखार में थी और उस दौरान ड्रिप चढ़ते समय वह लगभग पेट में दर्द की स्थिति में थी. लेकिन विकलांगता और बुखार को चुनौती के रूप में लिया गया.

परीक्षा के दौरान बीमार पड़ी

अन्य परीक्षा पास कर 2017 में यूपीएसएसी परीक्षा में नौवीं रैंक प्राप्त की. सिर्फ चार महीने की सेल्फ स्टडीज में यूपीएससी क्रैक हो गई. बिना किसी कोचिंग के यूपीएससी के परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल करने के लिए सौम्या को बहुत सराहना मिली. इतना ही नहीं 16 साल कि उम्र में वह (Saumya Sharma) लगभग सुनने कि क्षमता भी खो चुकी थी. उनकी 95 फीसदी सुनने कि क्षमता खत्म हो चुकी थी. लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और आगे बढती चली गई. हालाँकि, ये उनके लिए इतना आसान नहीं था. सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के समय सौम्या की तबियत बहुत खराब थी. वो इतनी बीमार थी कि उन्हें एक दिन में तीन बार सेलाइन चढ़ानी पड़ी.

लड़कियों के लिए बनीं मिसाल image

सौम्या (Saumya Sharma) ने मीडिया के समक्ष अपने विचार रखते हुए कहा कि यदि कोई छात्र स्वयं अध्ययन के दम पर यूपीएससी परीक्षा पास करता है तो वह निश्चित रूप से ऐसा कर सकता है. सौम्या ने कहा कि कोचिंग की भूमिका केवल मार्गदर्शन करने की है. लेकिन कोचिंग करने के बाद भी स्वयं अध्ययन करना जरूरी है. सौम्या शर्मा का मानना है कि अगर आपको खुद स्टडी के दम पर परीक्षा पास करने का भरोसा है तो कोचिंग की जरूरत नहीं है. हाँ, अगर मार्गदर्शन मिलना चाहिए तो उसकी कोचिंग ली जा सकती है. यह पूरी तरह से आप पर निर्भर करता है.

सेल्फ स्टडी को बताया जरूरी

उनका (Saumya Sharma) मानना है कि कोचिंग करने के बाद भी स्वयं का अध्ययन करना अत्यंत आवश्यक है. यदि आप नियम के साथ मिलकर पढ़ाई करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी. आप बस अपनी मेहनत पर भरोसा रखिये और अपने लक्ष्य पर दिन-प्रतिदिन आगे बढ़ते चलिए. सफलता अपने आप आपके पास पहुंच जाएगी. इसे भी जरूर देखें –

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