What is Vishu Kani: केरल के हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार विशु नई फसल के आगमन और नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। 'कानी' का विषु में विशेष महत्व है। विशु कानी केरल के हिंदुओं के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण रस्म है, जो नए साल की सकारात्मक और समृद्ध शुरुआत की कामना करती है। यह प्रकृति, समृद्धि और परिवार के बंधन का उत्सव है। कानी में सजी हर वस्तु का अपना विशेष महत्व है और यह त्योहार केरल की संस्कृति और परंपराओं को जीवंत रखता है। ALSO READ:
आइए जानते हैं विषु कानी और इस त्योहार से जुड़ी विशेष जानकारी:
इस साल यह मलयालम नव वर्ष 14 अप्रैल 2025, दिन सोमवार को मनाया जा रहा है। तथा इस अवसर पर विषु कानी पूजा की जायेगी। कैलेंडर की मान्यतानुसार मलयालम नव वर्ष विषु कानी सोमवार, अप्रैल 14, 2025 को रहेगा तथा विषु कानी के दिन संक्रांति का क्षण- 03:30 ए एम तक होगा।
विशु कानी का महत्व: 'कानी' का शाब्दिक अर्थ है 'पहला दर्शन'। विषु के दिन सुबह उठते ही सबसे पहले जो शुभ चीजें देखी जाती हैं, उन्हें 'विशु कानी' कहते हैं। यह माना जाता है कि पूरे साल की समृद्धि और खुशहाली इस पहले दर्शन पर निर्भर करती है। अत: इसे शुभ दर्शन माना जाता है। विषु कानी में सजाई गई वस्तुएं समृद्धि, उर्वरता और सौभाग्य का प्रतीक होती हैं। यह नई फसल की उम्मीदों और अच्छी शुरुआत की कामना को दर्शाता है। इसी कारण इसे समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
विशु कानी कैसे सजाई जाती है? : विशु की पूर्व संध्या पर परिवार का सबसे बुजुर्ग सदस्य या घर की महिला इन सभी शुभ वस्तुओं को एक बड़े उरौली यानी पीतल का बर्तन) या थाली में करीने से सजाती है। इसे घर के पूजा कक्ष या किसी शांत और अंधेरे कमरे में रखा जाता है। सुबह जागकर, परिवार के सभी सदस्य अपनी आंखें बंद करके कमरे में प्रवेश करते हैं और सबसे पहले इस सजी हुई कानी का दर्शन करते हैं।
विशु के महत्वपूर्ण पहलू:
• विशुक्कई: यह विषु के दिन बनाया जाने वाला एक विशेष व्यंजन है, जिसमें चावल, नारियल का दूध और विभिन्न मसाले होते हैं।
• विशुक्कनीनाट्टम: यह बच्चों को पटाखे और उपहार देने की परंपरा है।
• कैनीनाट्टम: यह घर के आसपास घूमकर कानी में रखी शुभ वस्तुओं को दूसरों को दिखाने की रस्म है।
• दान-पुण्य: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना शुभ माना जाता है।
• पारंपरिक खेल और नृत्य: कई जगहों पर पारंपरिक खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
विशु कानी में क्या-क्या होता है? विशु कानी को बहुत सावधानी और श्रद्धा से सजाया जाता है। इसमें आमतौर पर निम्नलिखित चीजें शामिल होती हैं:ALSO READ:
• धान या चावल: यह प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक है।
• कच्चा केला, ककड़ी, आम: ये उर्वरता और अच्छी फसल के प्रतीक हैं।
• सोने के आभूषण: धन और ऐश्वर्य का प्रतीक।
• सिक्के: वित्तीय समृद्धि का प्रतीक।
• कन्नडी : कन्नडी यानी पारंपरिक पीतल का दर्पण यह सकारात्मक ऊर्जा और आत्म-चिंतन का प्रतीक है। दर्पण में देखी गई छवि भविष्य के लिए शुभ मानी जाती है।
• विशु पट्टू या नया वस्त्र : नई शुरुआत और समृद्धि का प्रतीक है।
• फूल : इस दिन विशेष रूप से कनेकोन्ना या गोल्डन शावर के फूल सुंदरता और शुभता का प्रतीक माने गये हैं।
• दीप या नीलाविलक्कु : पारंपरिक तेल का दीपक यह प्रकाश और सकारात्मकता का प्रतीक है।
• चित्र या मूर्तियां : आमतौर पर भगवान विष्णु या देवी लक्ष्मी की ये मूर्तियां अथवा चित्र दैवीय आशीर्वाद और सुरक्षा का प्रतीक समझे जाते हैं।
• ग्रंथ : ग्रंथ यानी पवित्र पुस्तकें ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक समझी जाती हैं।
अत: माना जाता है कि विशु कानी मनाने के फलस्वरूप वर्षपर्यंत घरों में सुख-सौभाग्य बना रहता है।
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।ALSO READ:
You may also like
Scorching Heatwave Grips Madhya Pradesh: Temperatures Soar Beyond 44°C in Several Districts
Sinthan Top Closed for Traffic Due to Heavy Snowfall on NH 244: Two-Day Suspension Announced
छत्तीसगढ़ में प्रेमी ने पुलिस से गर्लफ्रेंड की मांग की, खुदकुशी की दी धमकी
हरियाणा में राशन कार्ड धारकों के लिए नई चुनौतियाँ
वास्तु शास्त्र में भोजन से जुड़ी अहम बातें: बेड पर खाने से क्यों आती है दरिद्रता और अशांति