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4 दिनों से बुखार था लेकिन युवराज और सूर्यकुमार ने नहीं छोड़ा साथ, जानें किस तरह दबाव में रहकर भी अभिषेक शर्मा ने रचा इतिहास

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अपने रिकॉर्ड शतक से फॉर्म में वापसी करने वाले सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा ने इसका श्रेय अपने मार्गदर्शक युवराज सिंह और भारत की टी20 टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव को दिया जिन्होंने खराब दौर में उन्हें अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया। अभिषेक ने पंजाब किंग्स के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैच में शनिवार को यहां 55 गेंद पर 141 रन की तूफानी पारी खेली जिससे सनराइजर्स हैदराबाद ने 246 रन के लक्ष्य को बौना साबित करके पिछले चार मैच से चला आ रहा हार का सिलसिला खत्म किया। यह आईपीएल में किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वोच्च स्कोर है।

बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि स्वीकार किया कि उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था। सनराइजर्स की टीम को छह दिन का ब्रेक मिला था लेकिन अभिषेक इनमें से चार दिन बुखार से पीड़ित रहे। उन्होंने शतक पूरा करने के बाद एक पर्ची अपनी जेब से निकाली जिस पर लिखा था, ‘यह पारी ऑरेंज आर्मी (सनराइजर्स के समर्थक) को समर्पित है।

अभिषेक में मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो जब भी मैं सुबह जागता हूं तो कुछ ना कुछ लिखता हूं। आज मेरे मन में ऐसा ही विचार आया कि अगर मैं कुछ खास करता हूं तो उसे ऑरेंज आर्मी को समर्पित करूंगा। सौभाग्य से आज का दिन मेरा था।’’

उन्होंने कहा कि जब वह रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो युवराज और सूर्यकुमार लगातार उनका हौसला बढ़ा रहे थे।

अभिषेक ने कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो मैं चार दिन से बीमार था। मुझे बुखार था लेकिन मैं खुशनसीब हूं कि मेरे आस-पास युवराज सिंह और सूर्यकुमार जैसे लोग हैं जो लगातार फोन करके मेरा हौसला बढ़ाते रहे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि वे जानते हैं कि मैं इस तरह की पारी खेल सकता हूं लेकिन जब आप रन नहीं बना पा रहे होते हो तो आप खुद पर संदेह करने लग जाते हो। लेकिन उन्हें मुझ पर पूरा भरोसा था और जब आपके आसपास आप पर भरोसा करने वाले लोग होते हैं तो आप भी खुद पर विश्वास करना शुरू कर देते हैं। इसलिए यह मेरे लिए केवल एक पारी की बात थी।’’

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अभिषेक का इस पारी के दौरान भाग्य ने भी साथ दिया और उन्होंने स्वीकार किया कि उन पर अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव था।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं नहीं कहूंगा तो यह झूठ होगा। निश्चित तौर पर तीन चार पारियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने का दबाव था, विशेष कर तब जब कि आपकी टीम लगातार हार रही हो। लेकिन टीम का हर खिलाड़ी लगातार चार मैच में हार के बाद वापसी करने के लिए प्रतिबद्ध था।’’ (भाषा)

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