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उत्तराखंड में आफत की बारिश! बद्रीनाथ हाईवे पर फंसे हजारों, जानिए कब खुलेगा रास्ता

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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने तबाही मचा रखी है। पहाड़ी इलाकों में उफनती नदियां, भूस्खलन और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक दर्दनाक बस हादसा सुर्खियों में है, जहां एक बस नदी में बह गई, लेकिन इसका मलबा अब तक नहीं मिला। दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू में बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं ने लोगों की सांसें थाम रखी हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे इन राज्यों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। 

रुद्रप्रयाग में बस हादसा: लापता लोगों की तलाश में मुश्किलें

रुद्रप्रयाग में हुई भारी बारिश ने एक बस को अपनी चपेट में ले लिया। यह बस नदी में बह गई, और अब तक इसका मलबा नहीं मिला है। गोताखोरों की टीमें दिन-रात खोजबीन में जुटी हैं, लेकिन उफनती नदी और गंदला पानी उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। आठ लोग अभी भी लापता हैं, और उनके परिवारों की चिंता बढ़ती जा रही है। स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन प्राकृतिक रुकावटों के कारण यह काम बेहद जटिल हो गया है। रुद्रप्रयाग के निवासियों का कहना है कि इस तरह की आपदा पहले भी देखी गई है, लेकिन इस बार बारिश की तीव्रता ने सभी को हैरान कर दिया है।

चमोली में बंद हाईवे: यात्रियों की मुश्किलें

चमोली जिले में बद्रीनाथ नेशनल हाईवे भूस्खलन के कारण नंदप्रयाग और भनेरपानी के पास पूरी तरह बंद है। इस हाईवे पर हजारों यात्री और तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। प्रशासन ने हाईवे को खोलने के लिए मशीनें और टीमें तैनात की हैं, लेकिन बार-बार हो रहे भूस्खलन ने काम को और मुश्किल बना दिया है। चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को मौसम विभाग ने सावधानी बरतने की सलाह दी है। स्थानीय लोग और यात्री इस स्थिति से परेशान हैं, लेकिन प्रशासन का कहना है कि उनकी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है।

मौसम विभाग का अलर्ट: चार दिन तक खतरा

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश कीесед की चेतावनी जारी की है। देहरादून मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चम्पावत और पिथौरागढ़ में तेज बारिश का खतरा बना हुआ है। नैनीताल में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इस बार मानसून सामान्य से पहले 21 जून को उत्तराखंड पहुंचा था, और मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस बार बारिश 10 से 15 प्रतिशत ज्यादा हो सकती है। यह खबर उन लोगों के लिए चिंताजनक है जो पहाड़ी इलाकों में रहते हैं या यात्रा करने की योजना बना रहे हैं।

हिमाचल में बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं

उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश की मार झेल रहा है। कांगड़ा जिले में अचानक आई बाढ़ ने कई लोगों को अपनी चपेट में लिया, जिसमें छह लोगों की मौत हो चुकी है। कुल्लू के रेहला बिहाल में बादल फटने से तीन लोग लापता हैं, और उनकी तलाश जारी है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हिमाचल और उत्तराखंड सहित 14 राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सेना और स्थानीय प्रशासन मिलकर काम कर रहे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा की तीव्रता ने सभी प्रयासों को चुनौती दी है।

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