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DA Hike 2025: क्या फिर लटक गई केंद्रीय कर्मचारियों की उम्मीदें? जानिए सरकार का नया फैसला

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2025 की दूसरी छमाही यानी जुलाई से दिसंबर तक केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में बढ़ोतरी की चर्चा जोरों पर है। लेकिन ताजा खबरों ने कर्मचारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। पहली छमाही (जनवरी-जून 2025) में डीए बढ़ोतरी को कर्मचारियों ने पहले ही कम बताया था, और अब दूसरी छमाही में भी कोई बड़ी राहत मिलने की उम्मीद कम ही दिख रही है। 

महंगाई भत्ते की उम्मीदों पर फिरा पानी

केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स हर छह महीने में महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जुलाई 2025 से लागू होने वाली डीए बढ़ोतरी को लेकर कर्मचारियों को उम्मीद थी कि महंगाई के बढ़ते बोझ को देखते हुए सरकार इस बार बड़ा ऐलान करेगी। लेकिन हालिया आंकड़ों ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है। ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि मई 2025 में महंगाई दर घटकर 2.82% पर आ गई, जो अप्रैल के 3.16% से कम है। अगर जून के आंकड़े भी कम रहे, तो डीए में मामूली बढ़ोतरी ही होने की संभावना है।

रिटेल महंगाई में कमी, कर्मचारियों की चिंता बढ़ी

रिटेल महंगाई दर में कमी का असर सीधे महंगाई भत्ते पर पड़ता है। मई 2025 में कई रोजमर्रा की वस्तुओं, जैसे खाद्य पदार्थों और घरेलू सामानों की कीमतों में कमी दर्ज की गई। इससे महंगाई पर कुछ हद तक काबू पाया गया है, जिसका फायदा आम जनता को तो मिल सकता है, लेकिन केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यह खबर निराशाजनक है। कम महंगाई दर का मतलब है कि डीए में बढ़ोतरी भी सीमित रहेगी। कर्मचारी, जो पहले से ही जनवरी 2025 की बढ़ोतरी से संतुष्ट नहीं थे, अब जुलाई 2025 की घोषणा को लेकर चिंतित हैं।

AICPI आंकड़े: डीए बढ़ोतरी का आधार

महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का निर्धारण ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के औसत आंकड़ों के आधार पर होता है। यह इंडेक्स रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों को मापता है। मई 2025 में AICPI के आंकड़े कम होने से डीए बढ़ोतरी की संभावना कम हो गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर जून के आंकड़े भी कम रहे, तो डीए में केवल 1-2% की बढ़ोतरी ही हो सकती है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी के 55% डीए को थोड़ा और बढ़ा सकती है, लेकिन यह उम्मीदों से काफी कम है।

महंगाई भत्ता कैसे तय होता है?

महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सहारा है, जो बढ़ती महंगाई के असर को कम करने के लिए दिया जाता है। हर छह महीने में AICPI के आंकड़ों के आधार पर डीए और डीआर में संशोधन किया जाता है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और पेंशनर्स की पेंशन का एक निश्चित प्रतिशत होती है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 55% डीए मिल रहा है। सरकार इस बढ़ोतरी की घोषणा आमतौर पर मार्च और अक्टूबर में करती है, और जुलाई 2025 की बढ़ोतरी का ऐलान अक्टूबर में होने की संभावना है।

कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?

ताजा अनुमानों के मुताबिक, जुलाई 2025 से लागू होने वाले महंगाई भत्ते में 2% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, यह अनुमान अप्रैल और मई के AICPI आंकड़ों पर आधारित है, और जून के आंकड़े इस फैसले को और प्रभावित कर सकते हैं। अगर डीए 2% बढ़ता है, तो यह कर्मचारियों की बेसिक सैलरी का 57% हो सकता है। लेकिन यह मामूली बढ़ोतरी कर्मचारियों की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। अंतिम फैसला सरकार की ओर से अक्टूबर 2025 में लिया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए क्या मायने रखती है यह खबर?

केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता न केवल वेतन और पेंशन का हिस्सा है, बल्कि यह उनकी आर्थिक स्थिरता का आधार भी है। लेकिन कम बढ़ोतरी की खबर ने लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को निराश किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को महंगाई के अन्य पहलुओं, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की बढ़ती लागत को भी ध्यान में रखना चाहिए।

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