अगली ख़बर
Newszop

नरक चतुर्दशी 2025: 19 या 20 को जलाएं यम का दीपक? गलत तारीख पर हो जाएगा बेकार!

Send Push

दीवाली का पांच दिनों का धमाकेदार त्योहार धनतेरस से शुरू होता है, और दूसरा दिन आता है छोटी दीवाली का, जिसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी पुकारा जाता है। इस खास दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध किया था, यही वजह है कि इसका नाम नरक चतुर्दशी पड़ा। इस बार तारीख को लेकर लोग कन्फ्यूज हो रहे हैं – आखिर 19 अक्टूबर को मनाएं या 20 को?

यम का दीपक कब जलाएं? तारीख का कन्फ्यूजन सॉल्व

इस दिन यमराज के नाम का दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का डर दूर हो जाता है। वहीं, रूप चौदस पर सुबह अभ्यंग स्नान करने से शरीर निरोगी रहता है और चेहरे पर निखार आता है। लेकिन इस बार डेट को लेकर घमासान मचा है – 19 अक्टूबर या 20 अक्टूबर? द्रिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी 19 अक्टूबर को दोपहर 1:51 बजे शुरू होकर 20 अक्टूबर को शाम 3:44 बजे तक चलेगी। इसलिए, यम का दीपक 19 अक्टूबर की शाम को ही जलाना होगा। रूप चौदस का अभ्यंग स्नान 20 अक्टूबर को करें। गौरतलब है, अभ्यंग स्नान से शरीर, मन और आत्मा तीनों शुद्ध हो जाते हैं – नहाने से पहले पूरे शरीर पर तेल लगाएं।

नरक चतुर्दशी 2025 की आसान पूजा विधि

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और तेल स्नान करें। तिल के तेल का दीपक जलाकर घर के बाहर, आंगन या तुलसी के पास रखें। भगवान श्रीकृष्ण, माता लक्ष्मी और यमराज की पूजा करें – फूल, मिठाई और तेल का दीपक अर्पित करें। शाम को घर के हर कोने में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। गरीबों को दीपक, कपड़े, भोजन या अनाज दान करें।

शुद्धता और प्रकाश का संदेश

नरक चतुर्दशी शुद्धता, प्रकाश और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन क्रोध, झगड़े या नकारात्मक बातों से दूर रहें। मांसाहार, शराब या तामसिक भोजन न खाएं। झूठ बोलना या किसी का अपमान करना पाप है, इसलिए पॉजिटिव रहें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। UPUKLive लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता। किसी भी पूजा या विधि को अपनाने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी या पंडित से सलाह जरूर लें।

न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें