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मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक! किसानों के लिए आया सबसे बड़ा तोहफा

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प्रधानमंत्री Narendra Modi ने भारतीय किसानों के लिए एक और सौगात दी है, जिससे खेती-किसानी को नई ताकत मिलेगी। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़े और किसान हितैषी फैसले लिए गए। इनमें खरीफ फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि और किसानों को सस्ते कृषि ऋण की सुविधा शामिल है। यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगा। 

खरीफ फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन की 14 प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री Ashwini Vaishnaw ने बताया कि धान की नई MSP 2,369 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 69 रुपये अधिक है। वहीं, कपास की MSP को 7,710 रुपये और इसकी एक अन्य किस्म के लिए 8,110 रुपये निर्धारित किया गया है, जो पिछले साल से 589 रुपये ज्यादा है। अन्य फसलों जैसे सोयाबीन, अरहर, मूंग, और उड़द की MSP में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। यह सुनिश्चित किया गया है कि MSP फसल की लागत से कम से कम 50% अधिक हो, ताकि किसानों को उनकी मेहनत का उचित दाम मिले।

केंद्रीय मंत्री Ashwini Vaishnaw ने कहा, “प्रधानमंत्री Narendra Modi के नेतृत्व में सरकार किसानों की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। इस बार MSP में वृद्धि से सरकार पर 2.07 लाख करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा, जो पिछले साल की तुलना में 7,000 करोड़ रुपये अधिक है।” यह कदम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

किसान क्रेडिट कार्ड पर ब्याज में राहत

किसानों को आर्थिक सहायता देने के लिए सरकार ने Modified Interest Subvention Scheme (MISS) को 2025-26 तक जारी रखने का फैसला किया है। इस योजना के तहत किसानों को Kisan Credit Card (KCC) के जरिए 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण पर मात्र 7% ब्याज देना होगा। इसके लिए पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज अनुदान दिया जाएगा। यह सुविधा छोटे और मझोले किसानों के लिए खास तौर पर लाभकारी होगी, जो अक्सर पूंजी की कमी से जूझते हैं।

23 फसलों को मिलेगा MSP का लाभ

केंद्र सरकार ने MSP के दायरे में 23 फसलों को शामिल किया है, जिसमें 7 अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी, जौ), 5 दालें (चना, अरहर, उड़द, मूंग, मसूर), 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सो Ascertain सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड), और 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट) शामिल हैं। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी हर फसल का उचित मूल्य मिले। यह कदम ग्रामीण भारत की रीढ़ कहे जाने वाले किसानों के लिए एक मजबूत आर्थिक ढाल प्रदान करेगा।

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