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सस्ता होगा पेट्रोल-डीजल? GST लागू होने से क्या बदलेगा!

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गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) में वो बदलाव हो गया, जिसका इंतजार देश के करोड़ों लोग बेसब्री से कर रहे थे। जीएसटी काउंसिल की ताजा बैठक के बाद सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। अब देशभर में जीएसटी के चार स्लैब की जगह सिर्फ दो स्लैब होंगे। इस फैसले ने न सिर्फ रोजमर्रा की चीजों के दाम घटाए हैं, बल्कि छोटी गाड़ियों की कीमतों में भी भारी कमी आई है। कई गाड़ियों पर 1.5 लाख रुपये तक की बचत हो रही है। लेकिन अब सबकी नजरें पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लगने की खबर पर टिकी हैं। ये मांग पुरानी है, लेकिन क्या ये सचमुच मुमकिन है? आइए, इसकी पूरी कहानी समझते हैं।

पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी क्यों नहीं?

हाल ही में एक टीवी चैनल से बातचीत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया कि सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन अभी तक इस मुद्दे को जीएसटी काउंसिल के प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जब जीएसटी लागू किया जा रहा था, तब पेट्रोल-डीजल को इसमें शामिल करने की योजना थी। लेकिन राज्यों ने इसका पुरजोर विरोध किया और इसे लागू नहीं होने दिया।

राज्यों की कमाई का बड़ा स्रोत

पेट्रोल और डीजल राज्यों के लिए सोने की खान की तरह हैं। इन पर लगने वाला टैक्स राज्य सरकारों की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है। पेट्रोल-डीजल पर वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) से मिलने वाला पैसा सीधे राज्यों के खजाने में जाता है। इसके अलावा केंद्र सरकार भी इस पर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। अगर पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू हो गया, तो पूरे देश में एकसमान कीमत होगी। इससे राज्यों की कमाई पर बड़ा असर पड़ेगा। यही वजह है कि राज्य इस खजाने को अपने कब्जे में रखना चाहते हैं।

कितना टैक्स लगता है अभी?

अगर केंद्र और राज्यों के टैक्स को जोड़ा जाए, तो पेट्रोल-डीजल पर 50% से ज्यादा टैक्स लगता है। यानी, अगर आप 100 रुपये का पेट्रोल खरीदते हैं, तो उसमें 50 रुपये से ज्यादा टैक्स के तौर पर सरकार के पास चला जाता है। कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। अब पेट्रोल पर 12 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लग रही है। इसके अलावा राज्यों का वैट 20% से 25% तक होता है। इसीलिए अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग हैं।

जीएसटी लागू हुआ तो कितने सस्ते होंगे दाम?

अगर भविष्य में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो ये जनता के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं होगा। जीएसटी लागू होने पर पूरे देश में एकसमान कीमत होगी और राज्यों का टैक्स शेयर फिक्स हो जाएगा। अभी जीएसटी के दो मुख्य स्लैब हैं—5% और 18%, जबकि लग्जरी आइटम्स के लिए 40% का स्लैब है। अगर पेट्रोल-डीजल को 18% स्लैब में रखा गया, तो कीमतें 20 से 30 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सकती हैं। वहीं, अगर 40% स्लैब में भी रखा गया, तो 10 रुपये प्रति लीटर की बचत हो सकती है। यानी, हर हाल में जनता की जेब को राहत मिलेगी!

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