म्यांमार की धरती एक बार फिर भूकंप के झटकों से कांप उठी। पिछले 24 घंटों में यह दूसरा मौका है, जब देश ने प्रकृति के इस रौद्र रूप का सामना किया। पिछले महीने आए विनाशकारी भूकंप की यादें अभी ताजा हैं, और अब ये नए झटके लोगों के मन में डर और अनिश्चितता को और गहरा रहे हैं। यह घटना न केवल म्यांमार, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए एक चेतावनी बनकर उभरी है। आइए, इस ताजा घटनाक्रम को समझते हैं।
दोबारा कांपी म्यांमार की जमीन
रविवार की सुबह म्यांमार के मीकटिला के पास 5.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने स्थानीय लोगों को अपने घरों से बाहर भागने पर मजबूर कर दिया। यह झटका इतना तेज था कि मांडले और नायप्यीडॉ जैसे शहरों में भी इसका असर महसूस हुआ। लेकिन यह डर अभी खत्म नहीं हुआ था। ठीक 24 घंटे बाद, सोमवार सुबह 10:06 बजे, एक और भूकंप ने म्यांमार को हिलाकर रख दिया। इस बार रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.1 थी। हालांकि इस दूसरे झटके से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लगातार हो रहे इन भूकंपों ने लोगों की नींद उड़ा दी है।
पिछले महीने की त्रासदी की गूंज
पिछले महीने, 28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था, जिसे 'बिग मांडले भूकंप' का नाम दिया गया। इस आपदा ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों को बेघर कर दिया था। मांडले, नायप्यीडॉ, और शान प्रांत जैसे इलाकों में इमारतें जमींदोज हो गई थीं। अस्पताल, स्कूल और प्राचीन मंदिरों को भारी नुकसान पहुंचा था। उस त्रासदी से म्यांमार अभी पूरी तरह उबर भी नहीं पाया था कि ये नए झटके राहत कार्यों में और बाधा डाल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि म्यांमार की मानवीय स्थिति पहले से ही नाजुक है, और ये भूकंप इसे और बदतर बना सकते हैं।
क्यों बार-बार कांप रही है धरती?
म्यांमार भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेट्स की हलचल बार-बार भूकंपों को जन्म देती है। विशेषज्ञों का मानना है कि रविवार और सोमवार के भूकंप पिछले महीने की तबाही के बाद के झटके (आफ्टरशॉक्स) हो सकते हैं। ये झटके भले ही कम तीव्रता के हों, लेकिन इनका लगातार आना लोगों में दहशत पैदा कर रहा है। म्यांमार का सैनिंग फॉल्ट, जो मार्च के भूकंप का कारण बना था, अभी भी सक्रिय है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे झटके कुछ हफ्तों या महीनों तक आ सकते हैं, जिसके लिए तैयार रहना जरूरी है।
राहत कार्यों पर असर और भविष्य की चिंता
इन भूकंपों ने म्यांमार में चल रहे राहत कार्यों को और जटिल कर दिया है। मार्च की तबाही के बाद अंतरराष्ट्रीय टीमें और स्थानीय संगठन बेघर लोगों को भोजन, पानी और आश्रय देने में जुटे हैं। लेकिन नए झटकों ने इन प्रयासों में रुकावट डाली है। लोग खुले मैदानों में रात बिता रहे हैं, क्योंकि वे अपने घरों में लौटने से डर रहे हैं। म्यांमार की सैन्य सरकार ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण की बात कही है, लेकिन यह काम आसान नहीं है। साथ ही, देश में चल रहे गृहयुद्ध और विस्थापन की समस्या इसे और मुश्किल बना रही है।
You may also like
कही से भी मिल जाये ये बीज तो तुरंत घर ले आये, आयुर्वेद में क्यों कहते है इसे कलयुग में धरती की संजिवनी; अभी जानिए
पेशी के दौरान एक-दूसरे को देख रोनें लगे, फिर मुस्कान ने शाहिल को बताई इशारों में ये बात..
बबूल की फली: स्वास्थ्य के लिए अद्भुत लाभ
सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को होगी वक्फ कानून पर सुनवाई, दोपहर दो बजे के लिए याचिका सूचीबद्ध
बिहार : भाजपा नेता तरुण चुघ का कांग्रेस पर तंज, 'एक्सपायर इंजेक्शन की तरह है पार्टी'