बेंगलुरु, जिसे भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से जाना जाता है, वहां से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो हर किसी को चौंका रही है। नॉर्थ बेंगलुरु के एक निजी स्कूल में नौवीं कक्षा की एक छात्रा ने अपनी मां पर यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले ने न केवल स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर भी सवाल उठाए हैं। आइए, इस घटना को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि आखिर क्या है इस मामले की सच्चाई।
छात्रा ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी 45 वर्षीय मां पिछले एक साल से उसके साथ अनुचित व्यवहार कर रही है। उसका दावा है कि मां उसे 'सेक्स की ट्रेनिंग' देती थी, ताकि वह भविष्य में अपने पति के साथ वैवाहिक जीवन में 'सफल' हो सके। यह सुनकर हर कोई हैरान है, क्योंकि माता-पिता से बच्चों को प्यार और सुरक्षा की उम्मीद की जाती है, न कि इस तरह के व्यवहार की। हालांकि, मां ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी को अनुशासन में रखने के लिए कभी-कभार डांटा या हल्की-फुल्की सजा दी, लेकिन यौन शोषण जैसे आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं।
इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब स्कूल में नियमित रूप से आने वाली एक महिला काउंसलर ने छात्रा से बात की। काउंसलिंग सत्र के दौरान, छात्रा ने अपनी आपबीती साझा की, जिसके बाद काउंसलर ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पॉक्सो ऐक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस) के तहत मामला दर्ज किया। एक महिला पुलिस अधिकारी सादे कपड़ों में छात्रा के घर पहुंची और उससे बात की। इस दौरान, पुलिस ने छात्रा की बड़ी बहन से भी पूछताछ की, लेकिन उसने इस मामले में कोई ठोस जानकारी नहीं दी।
पुलिस ने मां को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की है। हालांकि, अभी तक पीड़ित छात्रा का आधिकारिक बयान दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह एक संवेदनशील मामला है, और जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है। मां का कहना है कि बेटी के साथ उनके कुछ पारिवारिक मतभेद थे, और संभवतः इसी वजह से बेटी ने उनके खिलाफ ऐसे आरोप लगाए। दूसरी ओर, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या परिवार में कोई और तनाव या मनमुटाव इस घटना की जड़ हो सकता है।
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