उत्तराखंड में शिक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर उत्साह का माहौल है। काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) ने आईसीएसई (10वीं) और आईएससी (12वीं) बोर्ड परीक्षा 2025 के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस बार न केवल छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन कर बाजी मारी, बल्कि देहरादून के अर्णव पांडे ने 99 प्रतिशत अंकों के साथ नया कीर्तिमान स्थापित किया। आइए, इस उपलब्धि की कहानी को करीब से जानते हैं और समझते हैं कि मेहनत और एकाग्रता कैसे सपनों को हकीकत में बदल सकती है।
रिजल्ट में उत्तराखंड का दबदबाCISCE ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर 10वीं और 12वीं के परिणाम जारी किए, जिसने उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं की मेहनत को सामने ला दिया। इस बार 10वीं कक्षा का पासिंग स्कोर 99.09 प्रतिशत रहा, जबकि 12वीं कक्षा में 99.02 प्रतिशत छात्र-छात्राएं सफल हुए। खास बात यह रही कि उत्तराखंड में छात्राओं ने छात्रों को पीछे छोड़ते हुए शानदार प्रदर्शन किया। 10वीं में 99.41 प्रतिशत छात्राएं पास हुईं, जबकि छात्रों का पासिंग प्रतिशत 98.88 रहा। यह आंकड़ा न केवल शिक्षा में लैंगिक समानता को दर्शाता है, बल्कि बेटियों की प्रतिभा को भी रेखांकित करता है।
अर्णव पांडे: मेहनत और एकाग्रता का प्रतीकदेहरादून के अर्णव पांडे इस बार के रिजल्ट के चमकते सितारे रहे। उन्होंने 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे उत्तराखंड का नाम रोशन किया। अर्णव का कहना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। “परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए एकाग्रता और नियमित मेहनत ही एकमात्र रास्ता है,” उन्होंने बताया। अर्णव को अपने परिवार का पूरा साथ मिला, जिसने उनकी राह को और आसान बनाया। अब वह अपने सपनों को नई उड़ान देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने अमेरिका की छह शीर्ष यूनिवर्सिटी में आवेदन किया था और अंततः कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ साइंस इन कंप्यूटर साइंस करने का फैसला लिया है।
पिता का गर्व, बेटे की मेहनतअर्णव के पिता पंकज पांडे उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और विभिन्न विभागों में सचिव के रूप में कार्यरत हैं। पंकज पांडे का कहना है कि उन्होंने कभी अपने बच्चों पर किसी खास करियर या पढ़ाई का दबाव नहीं डाला। “मुझे गर्व है कि अर्णव ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया। अमेरिका के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में उसका चयन मेरे लिए गर्व का पल है,” उन्होंने भावुक होते हुए कहा। यह पिता-पुत्र की यह कहानी हर उस परिवार के लिए प्रेरणा है, जो अपने बच्चों को सपनों के पीछे उड़ान भरने की आजादी देता है।
छात्राओं ने दिखाया दमइस बार CISCE बोर्ड परीक्षा में उत्तराखंड की बेटियों ने कमाल कर दिखाया। 10वीं की परीक्षा में 7,577 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया, जिनमें 4,024 छात्र और 3,553 छात्राएं शामिल थीं। छात्राओं ने 99.41 प्रतिशत पासिंग स्कोर के साथ शानदार प्रदर्शन किया, जो राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। यह नतीजे न केवल छात्राओं की मेहनत को दर्शाते हैं, बल्कि समाज में बदलते नजरिए को भी सामने लाते हैं, जहां बेटियां हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं।
रिजल्ट चेक करने का आसान तरीकाCISCE ने परिणामों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराया है। छात्र-छात्राएं और अभिभावक आसानी से वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल है, जिससे छात्रों को अपनी मेहनत का फल देखने में कोई परेशानी न हो।
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