क्या आपने कभी सोचा कि धरती पर पहले मुर्गी आई या अंडा? यह सवाल सदियों से लोगों के दिमाग में कौतुहल पैदा करता रहा है। दर्शनशास्त्रियों से लेकर वैज्ञानिकों तक, हर कोई इस गुत्थी को सुलझाने में जुटा रहा। कुछ का मानना था कि मुर्गी पहले आई होगी, क्योंकि बिना मुर्गी के अंडा कैसे आ सकता है? वहीं, दूसरों का तर्क था कि अंडा पहले रहा होगा, क्योंकि जीवन की शुरुआत एक कोशिका से होती है। लेकिन अब विज्ञान ने इस रहस्यमयी सवाल का जवाब ढूंढ लिया है। आइए, इस लेख में हम इस रोचक पहेली को सुलझाते हैं और उन तथ्यों को जानते हैं, जो इस सवाल को और भी दिलचस्प बनाते हैं।
विकासवादी जीव विज्ञान का जवाबवैज्ञानिकों के अनुसार, इस सवाल का जवाब विकासवादी जीव विज्ञान में छिपा है। लाखों साल पहले, पक्षियों के पूर्वज डायनासोर जैसे सरीसृप हुआ करते थे। ये प्राणी अंडे देते थे, जो धीरे-धीरे विकास के दौर से गुजरते हुए आधुनिक मुर्गी के रूप में सामने आए। एक समय ऐसा आया जब दो पक्षी, जो पूरी तरह मुर्गी नहीं थे, ने प्रजनन किया और उनके डीएनए में एक छोटा-सा बदलाव हुआ। इस बदलाव ने एक ऐसे अंडे को जन्म दिया, जिसमें आज की मुर्गी का जेनेटिक कोड मौजूद था। यानी, उस अंडे से पहली असली मुर्गी निकली। तो तकनीकी रूप से कहें, तो अंडा पहले आया।
प्रोटीन की खोज ने दिया जवाब2010 में वैज्ञानिकों ने एक और रोचक खोज की, जो इस सवाल को और स्पष्ट करती है। शोधकर्ताओं ने पाया कि मुर्गी के अंडे के छिलके में एक खास प्रोटीन होता है, जिसे ओवोकैल्डिन-17 (OC-17) कहते हैं। यह प्रोटीन केवल मुर्गी की प्रजनन प्रणाली में बनता है और अंडे के छिलके को मजबूत करने में मदद करता है। इसका मतलब है कि अंडे का निर्माण मुर्गी के बिना संभव नहीं है। लेकिन, अगर हम विकास के नजरिए से देखें, तो यह प्रोटीन भी धीरे-धीरे विकसित हुआ। इसीलिए, अंडा पहले आया, क्योंकि मुर्गी जैसा प्राणी उस अंडे से ही निकला।
दर्शन और विज्ञान का संगमयह सवाल सिर्फ विज्ञान तक सीमित नहीं है। दर्शनशास्त्र में भी इसे लेकर गहरी बहस हुई है। प्राचीन यूनानी दार्शनिक अरस्तू ने इस सवाल को 'कारण और प्रभाव' के सिद्धांत से जोड़ा। उनका मानना था कि हर चीज का एक कारण होता है, और इसीलिए मुर्गी और अंडे का सवाल एक अनंत चक्र की तरह है। लेकिन आधुनिक विज्ञान ने इस चक्र को तोड़ दिया है। विकासवादी जीव विज्ञान और जेनेटिक्स ने यह साबित कर दिया कि अंडा पहले आया, क्योंकि यह वह माध्यम था, जिसमें मुर्गी का जेनेटिक कोड विकसित हुआ।
रोचक तथ्य जो आपको हैरान करेंगेक्या आप जानते हैं कि मुर्गी का अंडा प्रकृति का एक चमत्कार है? एक अंडे में करीब 70 कैलोरी, 6 ग्राम प्रोटीन और कई जरूरी विटामिन्स होते हैं। इसके अलावा, अंडे का छिलका इतना मजबूत होता है कि यह 4-5 किलो वजन तक सह सकता है, बशर्ते दबाव सही तरीके से डाला जाए। यह सवाल न सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रोचक है, बल्कि यह हमें प्रकृति के विकास और उसकी जटिलता के बारे में भी सोचने पर मजबूर करता है।
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