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आतंकवाद पर ऐसा कड़ा प्रहार करेंगे कि उनकी आने वाली पीढ़ियों की रूह भी कांपेगी: CM नायब सिंह

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22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। इस हमले के बाद भारत ने न केवल राजनयिक स्तर पर कड़े कदम उठाए, बल्कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की चेतावनी दी है। आइए, इस घटनाक्रम को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि भारत का अगला कदम क्या हो सकता है।

पहलगाम में आतंकी हमला: बढ़ा तनाव

कश्मीर का पहलगाम, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, 22 अप्रैल को आतंकी हमले का शिकार हुआ। इस हमले ने न केवल स्थानीय लोगों में दहशत फैलाई, बल्कि भारत के सुरक्षा तंत्र को भी हिलाकर रख दिया। हमले की जिम्मेदारी भले ही किसी संगठन ने स्पष्ट रूप से नहीं ली, लेकिन भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा है। इस घटना ने भारत-पाकिस्तान के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्तों को और गंभीर बना दिया है।

भारत का राजनयिक जवाब

हमले के तुरंत बाद मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। राजनयिक संबंधों में कमी लाते हुए भारत ने कई बड़े फैसले लिए, जिनमें व्यापारिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर सख्ती शामिल है। सरकार का यह कदम न केवल आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति को भी मजबूत करता है। इन कदमों ने यह साफ कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने को तैयार है।

हरियाणा सीएम की चेतावनी

इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का जवाब अब उसी की भाषा में दिया जाएगा। सैनी ने स्पष्ट किया कि भारत अब और बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसी कार्रवाई करेगा, जो न केवल आतंकियों को, बल्कि उनके समर्थकों को भी सबक सिखाएगी। उनकी यह टिप्पणी न केवल जनता के बीच जोश भरने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत के सभी स्तरों पर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता है।


आतंकवाद का इतिहास और भारत की रणनीति

पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकवाद कश्मीर में कोई नई बात नहीं है। पिछले कुछ दशकों में भारत ने कई बार ऐसे हमलों का सामना किया है। लेकिन अब भारत की रणनीति बदल रही है। सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे कदमों ने यह साबित किया है कि भारत अब रक्षात्मक रुख के बजाय आक्रामक जवाब देने को तैयार है। विशेषज्ञों का मानना है कि पहलगाम हमले के बाद भारत न केवल सीमा पर सैन्य तैयारियों को मजबूत करेगा, बल्कि राजनयिक और आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाएगा।

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