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समाज में अस्पृश्यता खत्म होने से ही भारत बनेगा समर्थः चंपत राय

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अयोध्या, 22 सितंबर . श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने रविवार को कहा कि हिंदू जीवनमूल्य श्रेष्ठ है लेकिन व्यवहार में अंतर आया है. विहिप भेदभाव और छुआछूत की बुराई को समाप्त करने के लिए गत 60 वर्षों से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि समाज में अस्पृश्यता रूपी बीमारी को दूर करने से ही हिंदू समाज समरस और भारत समर्थ बनेगा.

चंपत राय ने कारसेवकपुरम् में रविवार को विहिप के दो दिवसीय कार्यकर्ता अभ्यास वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि छुआछूत 56 पीढ़ियों का रोग है. यह हमारे समाज में 1400 वर्षों से विद्यमान है. अस्पृश्यता हिंदू समाज में क्रोनिक बीमारी की तरह है. जो धीरे-धीरे शुरू होती है और लम्बे समय तक रहती है. रोज दवाई लेते रहने से बीमारी दूर होती है. इसलिए हमें भी अस्पृश्यता रूपी बीमारी को दूर करने के लिए प्रयास करना होगा. इससे ही हिंदू समाज समरस, सक्षम और भारत समर्थ बनेगा.

उन्होंने कहा कि हम ही डाक्टर हैं इसलिए हमें ही इस समस्या को हल करने के लिए प्रयास करने होंगे. हम एक हैं. हिंदू समाज में व्यवहार में भी समरसता लाना होगा. भारत के लिए समरसता प्राणवायु की तरह है. छठी शताब्दी से पूर्व छुआछूत नहीं थी. इस समस्या को समाप्त करने के लिए हमें समाज के सभी वर्गों के साथ सुख-दुख में शामिल होकर पारिवारिक मित्र बनाना चाहिए. हमें महर्षि वाल्मीकि, संत रविदास और डॉ. अबेडकर की जयंती समारोह को मनाना होगा.

रविदास मंदिर अयोध्या के संत निहाल दास महाराज ने कहा कि हमारे सद्गुरुओं ने धन के लालच में धर्म परिवर्तन नहीं किया और सबको जोड़ने का संदेश दिया. हम सब लोगों को जात-पात का रोग को मिटाना है. हम सब भगवान राम के आदर्शों पर चलें व जीवन में उतारें तो सामाजिक समरसता जल्दी आ सकती है. कथनी-करनी एक करेंगे तो ही इस काम में सफलता मिलेगी. हम राम के आदर्शों पर चलें, यही आज के समय की मांग है.

कार्यक्रम विहिप के केंद्रीय मंत्री देवजी भाई रावत, सामाजिक समरसता अभियान के अवध प्रांत के प्रमुख गोविन्द शाह, सह प्रांत प्रमुख धर्मेन्द्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.

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/ बृजनंदन

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