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हाई कोर्ट में एसएससी मामला : बकाया वेतन व ओएमआर शीट पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करेगा या हाई कोर्ट? फैसला सुरक्षित

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कोलकाता, 01 मई . करीब 26 हजार एसएससी भर्तियों को रद्द करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन को लेकर उठे विवाद पर अब नया मोड़ आ गया है. बकाया वेतन की वसूली और ओएमआर शीट सार्वजनिक करने से जुड़े मामलों की सुनवाई हाई कोर्ट करेगा या सुप्रीम कोर्ट –इस अहम सवाल पर गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सुनवाई पूरी कर ली है और फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है.

हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति देबांशु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की डिवीजन बेंच के समक्ष यह सुनवाई हुई. मामला सुप्रीम कोर्ट के उन आदेशों से जुड़ा है जिसमें साल 2016 की एसएससी भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह रद्द कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने जहां पूरे पैनल को अवैध करार दिया था, वहीं बाद में योग्य ठहराए गए अभ्यर्थियों को स्कूल में योगदान की अनुमति दी गई थी और उनके वेतन को भी मंजूरी दी थी. कोर्ट ने यह भी साफ किया था कि राज्य सरकार को 31 मई तक हलफनामा देकर बताना होगा कि वह इस साल भर्ती प्रक्रिया पूरी करेगी. हालांकि, यह आदेश ग्रुप सी और ग्रुप डी के अभ्यर्थियों पर लागू नहीं है.

मामलाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) और स्कूल शिक्षा विभाग ने ‘दागी’ शिक्षकों का वेतन वसूलने और ओएमआर शीट प्रकाशित करने जैसे निर्देशों का पालन नहीं किया. हाई कोर्ट ने इससे पहले साफ कहा था कि ‘दागी’ और ‘अयोग्य’ शिक्षकों की ओएमआर शीट सार्वजनिक की जाए और ‘दागी’ शिक्षकों से वेतन वसूली की प्रक्रिया पूरी की जाए.

एसएससी और स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पेश वकीलों का तर्क है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को यद्यपि बरकरार रखा, लेकिन कई बिंदुओं पर उसमें संशोधन किया है. उनके मुताबिक, अब यह मामला पूरी तरह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है और हाई कोर्ट इसकी सुनवाई नहीं कर सकता.

इस अहम मुद्दे पर गुरुवार को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि भविष्य में इस मामले की सुनवाई किस अदालत में होगी.

/ ओम पराशर

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