नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे शांत स्वभाव वाले कप्तानों में गिने जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने अब ‘कैप्टन कूल’ उपनाम को कानूनी रूप से अपने नाम करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। उन्होंने ‘कैप्टन कूल’ को ट्रेडमार्क कराने के लिए आवेदन दर्ज किया है, जिसे 16 जून को आधिकारिक ट्रेडमार्क जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन पोर्टल के अनुसार, यह आवेदन 5 जून को दायर किया गया था और फिलहाल इसकी स्थिति “स्वीकृत और विज्ञापित” है। नियमों के अनुसार यदि कोई तीसरा पक्ष 120 दिनों के भीतर इस पर आपत्ति नहीं जताता है तो यह उपनाम एमएस धोनी को प्रदान कर दिया जाएगा। इसके बाद कोई अन्य व्यक्ति या संस्था इस नाम का इस्तेमाल विशेष सेवाओं के लिए नहीं कर सकेगी।
धोनी का यह ट्रेडमार्क खेल प्रशिक्षण, खेल सुविधाएं, कोचिंग और खेल सेवाओं की श्रेणी में रजिस्टर किया गया है। यह कदम इस बात को सुनिश्चित करेगा कि उनकी पहचान से जुड़ा यह उपनाम व्यावसायिक या ब्रांडिंग उद्देश्यों से बिना अनुमति के इस्तेमाल न किया जा सके।
पहले से मौजूद एक और दावादिलचस्प रूप से, प्रभा स्किल स्पोर्ट्स (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने भी जून 2023 में ‘कैप्टन कूल’ के लिए ट्रेडमार्क आवेदन किया था। हालांकि, उस आवेदन की वर्तमान स्थिति “सुधार दायर किया गया” के रूप में दर्ज है और वह अब तक स्वीकृत नहीं हुआ है।
धोनी की ओर से यह तर्क दिया गया कि ‘कैप्टन कूल’ उपनाम उनकी प्रसिद्ध छवि का हिस्सा है और इसका गलत इस्तेमाल न हो, इसलिए ट्रेडमार्क जरूरी है।
हाल ही में धोनी को मिला हॉल ऑफ फेम में स्थानहाल ही में एमएस धोनी को ICC द्वारा 2025 के लिए ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया गया है। इस सूची में उनके साथ ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन, दक्षिण अफ्रीका के हाशिम अमला समेत सात खिलाड़ी और भी शामिल हैं। धोनी आखिरी बार आईपीएल 2025 में मैदान पर दिखे थे। यह माना जा रहा है कि वे आगामी सीजन से पहले क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं, हालांकि इस पर उन्होंने अब तक कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की है।
You may also like
हिमाचल प्रदेश: मंडी जिले में बादल फटने से भारी नुकसान, एक की मौत, सात लापता
तुला मासिक राशिफल जुलाई 2025 : करियर में स्थिरता और सम्मान की प्राप्ति होगी
सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से
गुर्जर आरक्षण विवाद! दो दशकों में 7वीं बार बनी समिति, आखिर क्यों हो रही है 9वीं सूची में शामिल करने की मांग?
ज़ोहरान ममदानी की मुस्लिम पहचान पर अमेरिका में इतने हमले बढ़ने के मायने