उज्जैन, 4 नवंबर (Udaipur Kiran) . Madhya Pradesh के उज्जैन में मंगलवार को संभागायुक्त सह सिंहस्थ मेला अधिकारी आशीष सिंह एवं कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने स्थानीय मीडिया प्रतिनिधियों के साथ आगामी सिंहस्थ-2028 महापर्व अंतर्गत निर्माणाधीन सेवरखेड़ी- सिलारखेड़ी परियोजना और कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना स्थल का भ्रमण किया. साथ ही इन परियोजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
संभागायुक्त ने सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि योजना अंतर्गत जलसंसाधन विभाग को 614.53 करोड़ की विभाग को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हुई है. परियोजना में सेवरखेड़ी में बैराज का निर्माण कर मानसून के समय बैराज से 51 मिली घन मीटर जल को लिफ्ट (उद्वहन) कर सिलाखेड़ी जलाशय में डाला जाएगा. जिसके लिए सिलारखेड़ी जलाशय का विस्तार भी किया जाएगा. परियोजना से ग्रीष्म ऋतु में भी शिप्रा नदी प्रवाहमान बनी रहेगी. परियोजना को पूर्ण करने के लिए 30 माह का लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं.
परियोजना का उद्देश्यसंभागायुक्त ने बताया कि सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का मुख्य उद्देश्य वर्षा ऋतु में शिप्रा नदी के जल को सिलारखेड़ी जलाशय में एकत्र कर पुन: आवश्यकता अनुरुप जल को प्रवाहित कर क्षिप्रा को निरन्तर प्रवाहमान बनाना है और आगामी सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए सिंहस्थ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं के स्नान हेतु शिप्रा नदी का जल प्रवाहमान बनाए रखना है. परियोजना पूर्ण हो जाने से शिप्रा नदी को स्वच्छ एवं निरन्तर प्रवाहमान किया जा सकेगा एवं उज्जैन शहर की आगामी पेयजल की मांग की पूर्ति भी की जा सकेगी. इस परियोजना में ग्राम सेवरखेड़ी में 1.45 मि.घ.मी. क्षमता का बैराज निर्माण कर यहां से 3 मीटर व्यास के 6.50 कि.मी. पाइप लाइन द्वारा शिप्रा नदी का जल सिलारखेड़ी जलाशय में संचित कियाजाएगा. इसके लिए सिलारखेड़ी जलाशय की क्षमता 51 मी.घ.मी. तक बढ़ाया जा रहा है. सिलारखेड़ी जलाशय में संचित जल 1.80 मी. व्यास की 7.00 कि.मी. लम्बी पाइप लाइन द्वारा पुन: शिप्रा नदी में ग्राम कुंवारिया के समीप आवश्यकता अनुसार छोड़ा जाएगा. परियोजना में निर्माण कार्य की समय सीमा अनुबंध दिनांक से 30 माह रखी गई हैं, जिसमें 5 वर्षों का संचालन तथा रखरखाव का प्रावधान किया गया है.
शिप्रा को शुद्ध रखने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजनासंभागायुक्त और कलेक्टर ने कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना के अंतर्गत बनवाए गए शाफ्ट का भ्रमण मीडिया प्रतिनिधियों को करवाया. परियोजना के बारे में जानकारी दी गई कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी को शुद्ध बनाए रखने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना से कान्ह नदी डायवर्सन योजना बनाई गई है. इसके अंतर्गत कान्ह नदी को डाइवर्ट करके उससे निकलने वाले अशुद्ध पानी को शिप्रा में मिलने से रोकने के लिए कान्ह डायवर्सन परियोजना लाई गई है. इसके अंतर्गत कट एंड कवर के द्वारा 30 किलोमीटर लंबी नहर बनाकर अशुद्ध पानी को बाहर किया जाएगा. यह परियोजना इतनी बड़ी और इतनी व्यवस्थित है कि बड़े-बड़े डंपरों से टनल में जाकर कान्ह नदी की गंदगी को भी साफ किया जा सकेगा और समय-समय पर कान्ह के प्रवाह को रोक कर पानी को साफ किया जाएगा. इसके लिए चार जगहों पर बड़े-बड़े कुआंनुमा शाफ्ट बनाए जा रहे हैं. इसके माध्यम से बड़ी-बड़ी जेसीबी और डंपर जमीन के अंदर उतरेंगे और इन सबसे गंदगी को साफ कर बाहर निकाला जाएगा. वर्तमान में जो एजेंसी इस परियोजना पर कार्य कर रही है वही इस परियोजना को 15 वर्ष तक संचालित करेगी.
खुदाई एवं कास्टिंग का कार्य प्रगति परशिप्रा शुद्धिकरण हेतु कान्ह नदी के जल का व्यपवर्तन हेतु कुल 30.15 किमी लंबाई (18.15 किमी कट एंड कवर भाग एवं 12 किमी टनल भाग) की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना निर्माणाधीन है, जिसके कट एंड कवर भाग में खुदाई एवं पीसीसी कार्य, टनल भाग में चार सॉफ्ट के माध्यम से वर्टिकल एवं हॉरिजॉन्टल खुदाई का कार्य एवं कास्टिंग यार्ड में प्री कास्ट सेगमेंट की कास्टिंग का कार्य प्रगतिरत है. परियोजना के शुरुआती 6.90 कि. मी. कट एंड कवर भाग में खुदाई एवं पीसीसी कार्य प्रगतिरत है. परियोजना अंतर्गत उपयोग में लाए जाने वाले प्री कास्ट सेगमेंट की कास्टिंग का कार्य ग्राम गंगेडी में स्थित कास्टिंग यार्ड में जारी है. प्री कास्ट सेगमेंट्स को कास्टिंग यार्ड से परियोजना के एलाइनमेंट तक पहुंचाने एवं पीसीसी बेड पर रखने तथा आपस में जोडऩे का कार्य जल्द ही प्रारंभ होगा. परियोजना के टनल भाग अंतर्गत चार शाफ्ट क्रमश: ग्राम पालखेड़ी, चिंतामण जवासिया, बामोरा एवं देवराखेड़ी में स्थित है. शाफ़्ट नंबर 01 एवं 02 में वर्टिकल खुदाई का कार्य प्रगतिरत है तथा शाफ्ट नंबर 3 एवं 4 में वर्टिकल खुदाई पूर्ण की जा चुकी है एवं हॉरिजॉन्टल खुदाई का कार्य प्रगतिरत है.
प्रशासनिक तैयारियों की दी जानकारी
भ्रमण के पश्चात स्थानीय होटल में संभागायुक्त व मेला अधिकारी आशीष सिंह और कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने मीडिया प्रतिनिधियों के साथ परिचर्चा की. कलेक्टर ने पावर पाईन्ट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से आगामी तैयारियों और व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सिंहस्थ 2028 में लगभग 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इसके अंतर्गत उज्जैन में विभिन्न परियोजनाओं के तहत विभिन्न अधोसंरचना विकास के कार्य किए जा रहे है. जिससे सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ-साथ स्थानीय जनता को भी लाभ होगा. उज्जैन जिले में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि के विभिन्न प्रकार के विकास कार्य किए जा रहे है. इनमें पुल, सडकें, घाट निर्माण और शहर के बुनियादी ढांचे से संबंधित कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं सम्मिलित है. कलेक्टर सिंह द्वारा सडक़ निर्माण, घाट निर्माण , पुल निर्माण , वर्तमान हरि फाटक पुल का चौडीकरण, सीवरेज पाईपलाईन और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पेयजल आपूर्ति योजना के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही ऐतिहासिक कोठी पेलेस भवन के संरक्षण एवं वीर भारत संग्रहालय के रूप में इसके अनुकुल पुन: उपयोग के लिए भवन और साईट की मौजूदा स्थिति के अनुसार परियोजना के दो चरणों के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वीर दुर्गादास की छतरी के पुनर्स्थापना के लिए 52.69 करोड़ रुपए की लागत से विकास और अनुरक्षण कार्य किए जा रहे हैं. कलेक्टर सिंह ने जानकारी दी कि इस बार के सिंहस्थ को शासन द्वारा जीरो वेस्ट इवेंट बनाए जाने का निर्णय लिया गया है. जिसका उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और सतत विकास को बढावा देना है.
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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