दौसा, 5 नवंबर (Udaipur Kiran) . गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने समाज की लंबित मांगों पर सरकार की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि यदि आगामी 30 दिनों में मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो समिति आंदोलन का ऐलान करेगी.
बैंसला बुधवार को दौसा जिले के पांचोली गांव में आयोजित गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 8 जून को भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र स्थित कारवारी शहीद स्मारक (पीलूपुरा) में हुई महापंचायत के बाद से अब तक किसी भी मांग पर कार्रवाई नहीं हुई है. इस पर उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि सरकार की ओर से गठित कैबिनेट उप-समिति काम करने के बजाय केवल भाषण और प्रेस कॉन्फ्रेंस तक सीमित है.
समिति अध्यक्ष ने कहा कि पीलूपुरा महापंचायत में हुए समझौते के अनुसार कई लंबित मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया गया था, परंतु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उन्होंने बताया कि शहीद रूपनारायण गुर्जर के आश्रित को नौकरी नहीं मिली है, भर्तियों का बैकलॉग पूरा नहीं किया गया और दर्ज मुकदमे भी वापस नहीं लिए गए हैं. बैंसला ने कहा कि समझौते की पालना न होने के पीछे कैबिनेट उप-समिति की निष्क्रियता जिम्मेदार है, क्योंकि गुर्जर समाज ने समझौते के पालन के लिए सरकार को 60 की बजाय 147 दिन का समय दिया था.
बैंसला ने Chief Minister से अपील की कि वे समाज की समस्याओं पर शीघ्र संज्ञान लें और शहीद के परिजनों को न्याय दिलाएं. उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता से समाज में निराशा का माहौल है. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 30 दिन के भीतर ठोस समाधान नहीं हुआ तो संघर्ष समिति आंदोलन का रास्ता अपनाएगी. बैंसला ने कहा कि हमारी बैठकों में ट्रेनें रुक जाती हैं, यदि मजबूर किया गया तो हमें दूसरा तरीका अपनाना भी आता है.
बैठक के दौरान शहीद रूपनारायण के परिजनों की महिलाएं भी रोते हुए बैंसला के पास पहुंचीं और अनुकंपा नियुक्ति की मांग की. इस पर बैंसला ने कहा कि पीड़ित परिवार की तकलीफ समाज समझता है, लेकिन सरकार के जिम्मेदार लोग संवेदनहीन बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि अगले 30 दिनों में समिति के तीनों मंत्रियों से जहां भी मुलाकात हो, समाज के लोग उनसे जवाब मांगें.
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष भूरा भगत ने आरोप लगाया कि सरकार की मंत्री समिति समाज की लंबित मांगों को लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने वादे पूरे नहीं किए तो गुर्जर समाज चुप नहीं बैठेगा. समिति के पदाधिकारी चरण सिंह बैंसला ने भी कहा कि गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम कमेटी में शामिल होने के बावजूद किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं कर पाए हैं.
बैठक में समिति ने कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें 1252 में से 433 एमबीसी अभ्यर्थियों की लंबित डीपीसी प्रक्रिया, शहीद रूपनारायण गुर्जर के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति न मिलना, एमबीसी आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की प्रक्रिया लंबित रहना, दर्ज मामलों की धीमी समाप्ति, एमबीसी आरक्षण के क्रियान्वयन में देरी, रोस्टर प्रणाली पर निर्णय का अभाव और इदाते आयोग की अनुशंसा के बावजूद एमबीसी जातियों को डीएनटी श्रेणी में शामिल न किया जाना शामिल है.
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(Udaipur Kiran)
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