विश्वविद्यालय में पौधारोपण अभियान का आयोजन, कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने किया शुभारंभसैकड़ों पौधे रोपित किए गए, विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता का संचारहिसार, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि पेड़ों के माध्यम से पर्यावरण प्रदूषण को कम किया जा सकता है। पेड़ कार्बनडायोक्साइड ग्रहण करके आक्सीजन छोड़ते हैं। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अधिक से अधिक पौधे लगाएं। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई मंगलवार काे विश्वविद्यालय के ब्वाएज हॉस्टल-3 परिसर में पौधारोपण अभियान की शुरुआत करने के उपरांत अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कुलसचिव डा. विजय कुमार इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि गुजविप्रौवि गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित है। गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के मुख्य सिद्धांतों में है कि पेड़ों को नहीं काटना चाहिए तथा हर जीव के जीवन का ध्यान रखना चाहिए। विश्वविद्यालय की स्थापना के समय विश्वविद्यालय परिसर में केवल 18 पेड़ थे। गुरु जम्भेश्वर जी महाराज की शिक्षाओं पर चलते हुए आज विश्वविद्यालय में लगभग 55 हजार बड़े पेड़ हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे न केवल पौधे लगाएं बल्कि उनकी देखभाल भी करें। कुलसचिव डॉ. विजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रत्येक विद्यार्थी और कर्मचारी यदि एक पौधे की देखरेख का संकल्प ले तो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में विश्वविद्यालय और अधिक योगदान दे सकता है। उन्होंने पौधारोपण के साथ-साथ जल संरक्षण की भी महत्ता पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर विशेष आमंत्रित अतिथि एवं निदेशक (बागवानी) प्रो. नीरज दिलबागी ने पौधारोपण अभियान के दौरान नीम, पीपल, अर्जुन, अमलतास, गुलमोहर, जामुन एवं अन्य छायादार व औषधीय पौधे रोपित किए गए। कुल मिलाकर 100 से अधिक पौधे इस अभियान के अंतर्गत लगाए गए। सभी विद्यार्थियों को पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई तथा उन्हें ‘ग्रीन कार्ड’ वितरित किए गए, जिनमें वे पौधों की प्रगति को रिकॉर्ड करेंगे।इस अवसर पर सभी उपस्थित लोगों को पर्यावरण-संरक्षण की शपथ दिलाई गई और ‘हरित विश्वविद्यालय-स्वच्छ विश्वविद्यालय’ के लक्ष्य को साकार करने का संकल्प दोहराया गया। इस अवसर पर प्रो. योगेश चाबा, प्रो. ओमप्रकाश सांगवान, प्रो. सुजाता सांघी, प्रो. यशपाल सिंगला, प्रो. कर्मपाल नरवाल, प्रो. अनिल भानखड़, डा.बिजेन्द्र कौशिक सहित अधिकारी, कर्मचारी व विद्यार्थी उपस्थित रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश्वर
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