गुना, 22 जून (Udaipur Kiran) । जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र में उफनती कोहन नदी में बहे दोनों भाईयों के शव रविवार को बरामद हो गए हैं। घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर शवों को बरामद किया गया है। शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते रोज दोनों भाई एक ट्रेक्टर ट्रॉली पर सवार होकर नदी को पार कर रहे थे। इसी दौरान नदी के पानी के तेज बहाव मेंं बह गए थे। एक बाइक सवार भी पुलिया के ऊपर से बह रही कोहन नदी में बह गया था। जिसका शव बीते रोज ही मिल गया था। दोनों सगे भाईयों की तलाश में एसडीआरएफ टीम लगातार लगी हुई थी। घटना को लेकर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संवेदना व्यक्त करते हुए तीनों मृतकों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है, वहीं कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने मुआवजा प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने की बात कही है।
राजस्थान से लहसुन बेचकर आ रहे दोनों भाई
उल्लेखनीय है कि फतेहगढ़ निवासी करन एवं सागर पुत्र गण हीरालाल राजस्थान के छबड़ा में ट्रेक्टर-ट्रॉली से लहसुन बेचने के लिए गए थे। जहां से बीते रोज वह वापस लौट रहे थे। इसी दौरान लगातार बारिश के कारण कोहन नदी पूरे उफान पर थी और फतेहगढ़ एवं कोहन के बीच पुलिया के ऊपर से बह रही थी। इसी दौरान दोनों भाईयों ने ट्रेक्टर-ट्रॉली के साथ पुलिया पार करने की कोशिश की, किन्तु पानी के तेज बहाव में वह बह गए थे। एक बाइक सवार गोलू पुत्र रामविलास भी नदी के तेज बहाव में बह गया था।
24 घंटे बाद बरामद हुए शव
घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम एवं पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। टीम ने तीनों युवकों की तलाश शुरु की। एक बाइक सवार गोलू पुत्र रामविलास का शव तो मिल गया, किन्तु रात तक दोनों भाईयों का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद बचाव अभियान रोकना पड़ा। रविवार सुबह फिर अभियान शुरु किया गया। जिसमें घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर घटना के 24 घंटे बाद दोनों भाईयों के शव मिल गए।
बैरिकेडिंग एवं रेलिंग लगाने के निर्देश
घटना के बाद कलेक्टर कन्याल ने लोक निर्माण विभाग को कोहन नदी पुल पर सुरक्षा की दृष्टि से बैरिकेडिंग एवं रेलिंग लगाने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त, वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए पुल के दोनों सिरों पर पुलिस बल एवं ग्राम चौकीदारों की तैनाती सुनिश्चित करने के आदेश भी संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं। कलेक्टर ने एसडीएम से कहा कि आरबीसी 6(4) के तहत मृतकों के परिजनों को मुआवजा प्रदान करने की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। साथ ही उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि नदी-नालों और पुलों पर जल प्रवाह अधिक होने की स्थिति में आवागमन से बचें, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।
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(Udaipur Kiran) / अभिषेक शर्मा
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