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भोपाल में एआई-एमएल आधारित कृषि उपज मॉडलिंग पर हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण

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भोपाल, 9 अप्रैल . मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद भोपाल द्वारा कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ. कार्यक्रम में एआई/एमएल आधारित कृषि उपज मॉडलिंग पर विशेषज्ञों ने गहन जानकारी एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया. इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों से आए वैज्ञानिक, रीमोट सेंसिंग सेंटर, कृषि विभाग एवं बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.

कार्यक्रम के पहले दिन डॉ. सुनील दुबे (उप निदेशक, एमएनसीएफसी, डीए एंड एफडब्ल्यू, भारत सरकार) ने यस-टेक परियोजना की कार्यप्रणाली, कार्यान्वयन की स्थिति, राज्यों में प्रगति, चुनौतियों एवं उनके समाधान पर विस्तार से चर्चा की. ऋषभ सक्सेना (पायथन डेवलपर एवं एआई/एमएल विशेषज्ञ, MPCST) ने एआई/एमएल तकनीक का परिचय देते हुए फसल उपज अनुमान मॉडल को प्रस्तुत किया. उन्होंने न्यूरल नेटवर्क और रैंडम फॉरेस्ट जैसे तकनीकों के उपयोग के साथ क्रॉस वैलिडेशन मैट्रिक्स के माध्यम से त्रुटि विश्लेषण की जानकारी दी.

डॉ. नीतू (वैज्ञानिक एसएफ, आरआरएससी, उत्तर नई दिल्ली) ने उपग्रह डाटा की सहायता से फसल मानचित्रण की उन्नत विधियों पर व्याख्यान देते हुए कृषि में हो रहे बदलावों को एआई/एमएल एवं रीमोट सेंसिंग के माध्यम से प्रस्तुत किया.

डॉ. करुण कुमार चौधरी (वैज्ञानिक-एसएफ, प्रमुख – फसल मूल्यांकन प्रभाग, एएसएजी, एनआरएससी) ने उपज अनुमान मॉडलिंग में रीमोट सेंसिंग, बीमा इकाई एवं AI/ML के प्रयोगों की विस्तार से जानकारी दी. डॉ. भवानी (एमएनसीएफसी, नई दिल्ली) ने धान की फसल पर आधारित उपज अनुमान मानचित्र प्रस्तुत किया और वर्तमान में अपनाई जा रही एआई/एमएल तकनीकों की भूमिका को रेखांकित किया. व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र में मनोज पटीदार एवं ASD टीम ने डाटा डाउनलोडिंग एवं प्रोसेसिंग की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया.

प्रशिक्षण के दूसरे दिन डॉ. जी.डी. बैरागी (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, MPCST) ने खरीफ मौसम में सोयाबीन फसल की उपज के लिए राजस्थान राज्य में यस-टेक परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित जिलों में AI/ML मॉडलिंग की प्रस्तुति दी. कुछ राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव साझा किए— ओडिशा ने क्रॉप हेल्थ फैक्टर पर आधारित कार्य प्रस्तुत किया, उत्तर प्रदेश ने एग्री-बाजार के माध्यम से यस-टेक परियोजना के कार्यान्वयन को साझा किया, कर्नाटक ने सिमुलेशन मॉडल के माध्यम से क्रॉप मैपिंग की जानकारी दी, हरियाणा ने मोबाइल एप्स द्वारा खसरा आधारित उपज अनुमान की तकनीक प्रस्तुत की.

प्रशिक्षण समापन पर डॉ. प्रकाश चौहान (महानिदेशक, ISRO/NRSC), चंद्रजीत चटर्जी (निदेशक, क्रॉप इंश्योरेंस), एवं डॉ. अनिल कोठारी (महानिदेशक, MPCST) ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कृषि क्षेत्र में एआई/एमएल तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया. विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने भी मंच से अपने अनुभव एवं सुझाव साझा किए और अपने राज्यों में एआई/एमएल तकनीकों को लागू करने की इच्छा प्रकट की.

तोमर

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