श्रीनगर, 26 जून (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि 22 अप्रैल की पहलगाम आतंकी घटना के बाद अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है। इस घटना से पहले 2.36 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन कल तक 85,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अपनी यात्रा की पुष्टि की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में यह संख्या फिर से बढ़ेगी। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल 5.12 लाख तीर्थयात्री आए थे, जो 12 वर्षों में सबसे अधिक था। उपराज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा चिंताओं के कारण इस साल हेलीकॉप्टर सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले भी कई दुर्घटनाएं हुई हैं और सुरक्षा हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसलिए इस बार हेली सेवाएं संचालित नहीं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में केवल 8 प्रतिशत तीर्थयात्री ही हेलीकॉप्टर सेवाओं का उपयोग करते थे, इसलिए इस निर्णय से यात्रा पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि यात्रा के दोनों मार्ग, बालटाल और चंदनवाडी-पहलगाम को 4-5 फीट से बढ़ाकर 12 फीट कर दिया गया है, जिससे सुरक्षा में काफी सुधार हुआ है।
उपराज्यपाल ने कहा कि कई संवेदनशील स्थानों को क्रॉस-बैरियर से सुरक्षित किया गया है। पहले बारिश के कारण संकरे रास्तों पर बड़ी समस्याएँ होती थीं। अब तीर्थयात्री बहुत अच्छी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बालटाल और नुनवान दोनों शिविरों में स्थायी आवास बनाए जा रहे हैं और हालांकि मौसम के कारण काम में कुछ दिनों की देरी हुई है, लेकिन इस साल अधिकांश हिस्से बनकर तैयार हो जाएँगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि दोनों बेस कैंपों में अब 100 बिस्तरों वाले अस्पताल हैं और अतिरिक्त चिकित्सा कर्मचारी और डॉक्टर तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस साल स्वास्थ्य सेवा में बड़ा सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि श्राइन बोर्ड ग्रामीण विकास और शहरी विकास विभाग यात्रा के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले शुरू की गई आरएफआईडी आधारित ट्रैकिंग प्रणाली का इस साल फिर से इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईकेवाईसी के बाद सभी तीर्थयात्रियों और सेवा प्रदाताओं को आरएफआईडी कार्ड जारी किए जाते हैं। हाई-डेफिनिशन कैमरे लगाए गए हैं और एक आधुनिक कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर यात्रा की 24/7 निगरानी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एक अलग पुलिस नियंत्रण कक्ष भी लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल लखनपुर से जम्मू और उससे आगे तक काफिले की व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाया गया है। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि नुन्वान कैंप में एक नए फुटओवर ब्रिज ने डबल चेक-इन की समस्या को हल कर दिया है। तीर्थयात्री अब कैंप तक तेजी से पहुंच सकते हैं। सुरक्षा व्यवस्था के बारे में बोलते हुए एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) संयुक्त रूप से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तैनाती पहले से कहीं ज़्यादा मज़बूत है। सभी बेस कैंपों पर तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है और सभी सेवा प्रदाताओं का सत्यापन किया गया है। सिन्हा ने कहा कि सभी तीर्थयात्रियों के लिए बीमा और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था श्राइन बोर्ड और प्रशासन के माध्यम से पूरी तरह से लागू है। उन्होंने कहा कि हम यात्रा के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उपराज्यपाल ने कश्मीर के स्थानीय लोगों की उनके पारंपरिक समर्थन के लिए भी प्रशंसा की। सिन्हा ने कहा कि स्थानीय लोग तीर्थयात्रियों का जिस तरह से स्वागत करते हैं, उसकी तुलना देश में कहीं नहीं की जा सकती।——————-
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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