शिमला, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीती रात से हो रही व्यापक बारिश और भूस्खलन से 1 नेशनल हाइवे सहित 400 सड़कें बंद हैं। मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इसके बाद 28 से 30 अगस्त तक भी मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है, लेकिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, रविवार सुबह तक हिमाचल में 1 नेशनल हाइवे और 400 सड़कें बंद रहीं। इनमें अकेले मंडी जिले में 220 और कुल्लू में 101 सड़कें बंद हैं। चंबा में 24 और कांगड़ा में 21 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा प्रदेशभर में 208 बिजली ट्रांसफार्मर और 51 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी जिले में 134 ट्रांसफार्मर और 36 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं।
कुल्लू जिले की भुंतर तहसील की बरशौणा पंचायत में नाले में आए फ्लैश फ्लड से लोगों की जमीनों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है। नाले का मलबा लोगों के खेतों में घुस गया।
बीती रात से आज सुबह तक मंडी जिला के पंडोह में सबसे ज्यादा 123 मिमी बारिश दर्ज की गई। सोलन के कसौली में 105 मिमी, जोत में 104 मिमी, मंडी और करसोग में 68-68 मिमी बारिश रिकार्ड की गई।
लाहौल-स्पीति जिले में भी रातभर बारिश होती रही। लाहौल घाटी की ऊंची चोटियों में हल्की बर्फबारी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने यहां भी 27 अगस्त तक मौसम खराब रहने की संभावना जताई है।
मंडी जिले में बारिश के चलते नेशनल हाइवे पर कई जगह भूस्खलन हुआ। कुल्लू-मनाली मार्ग पंडोह से औट के बीच बंद हो गया था। इस कारण सैकड़ों वाहन घंटों तक जाम में फंसे रहे। एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग की मशीनरी ने सुबह से मलबा हटाने का काम शुरू किया और सुबह 10 बजे हाईवे को बहाल कर दिया गया। हालांकि अभी कई जगहों पर सिर्फ एक तरफा यातायात चल रहा है, जिससे वाहन चालकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। पुलिस और प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है। वहीं, मंडी से कुल्लू वाया कटौला वैकल्पिक मार्ग कन्नौज के पास धंसने से अभी भी बंद पड़ा है।
चंबा जिले में चल रही पवित्र मणिमहेश यात्रा भी भारी बारिश से प्रभावित हुई। सुंदरासी में नाले का जलस्तर बढ़ने और भूस्खलन से रास्ता अवरुद्ध हो गया था। देर रात यात्रा रोक दी गई थी, जिसे आज सुबह मलबा हटाकर फिर शुरू कर दिया गया है।
मनाली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हल्की बारिश जारी है और तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।
मानसून से अब तक 298 लोगों की मौत और बड़ी आर्थिक क्षति
प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन ने भारी नुकसान पहुंचाया है। अब तक 298 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसमें मंडी और कांगड़ा में 48-48, चंबा में 35, शिमला में 28, किन्नौर और कुल्लू में 26-26 तथा अन्य जिलों में कुछ मौतें शामिल हैं। इसके अलावा 37 लोग अभी भी लापता हैं और 356 लोग घायल हुए हैं।
3 हज़ार से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त, 391 दुकानें ध्वस्त
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अब तक 3,041 मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें 675 मकान पूरी तरह ढह गए हैं। अकेले मंडी जिले में 1,456 मकानों को नुकसान पहुंचा, जिसमें 490 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए। राज्यभर में 391 दुकानें और 2,728 पशुशालाएं भी नष्ट हुई हैं। इस दौरान 1,824 पालतू पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे गए हैं।
प्रदेश को अब तक करीब 2,347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 1,310 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 769 करोड़ रुपये की क्षति हुई है।
प्रदेश में 40 बार फटा बादल, 75 बार आया फ्लैश फ्लड
प्रदेश में मॉनसून सीजन में फ्लैश फ्लड की 75, भूस्खलन की 74 औऱ बादल फटने की 40 घटनाएं हो चुकी हैं। फ्लैश फ्लड की सबसे ज्यादा 41 घटनाएं लाहौल स्पिति जिले में हुई हैं। वहीं, भूस्खलन की सबसे ज्यादा 14 घटनाएं शिमला जिले में हो चुकी हैं। बादल फ़टने की सर्वाधिक 18 घटनाएं मंडी जिला में हुईं। कुल्लु जिला में 10, चम्बा में 5, शिमला व लाहौल स्पिति में 3-3 बार और किन्नौर में एक बार बादल फटा। बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर में बादल फ़टने की कोई भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा