शिमला, 17 अगस्त (Udaipur Kiran) । राजधानी शिमला में नगर निगम आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए देश में पहली बार एक अनोखा और बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत शहर के लगभग 4,000 आवारा कुत्तों को QR कोड और जीपीएस आधारित स्मार्ट कॉलर पहनाए जाएंगे। यह तकनीक न केवल कुत्तों की लोकेशन और गतिविधियों पर नजर रखेगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य और टीकाकरण से जुड़ी पूरी जानकारी भी उपलब्ध कराएगी। इस तरह शिमला उत्तर भारत का पहला शहर बन जाएगा, जहां इतने बड़े पैमाने पर कुत्तों की डिजिटल पहचान और ट्रैकिंग की जाएगी।
नगर निगम शिमला के वेटनरी पब्लिक हेल्थ ऑफिसर डॉ. राहुल नेगी ने बताया कि स्मार्ट कॉलर लगाने का अभियान जल्द शुरू किया जाएगा। कॉलर में लगे QR कोड को स्कैन करते ही कुत्ते की उम्र, सेहत, नसबंदी, टीकाकरण और व्यवहार से जुड़ा पूरा रिकॉर्ड सामने आ जाएगा। वहीं, जीपीएस से यह पता लगाया जा सकेगा कि कौन सा कुत्ता किस इलाके में घूम रहा है और उसकी गतिविधियां कैसी हैं। डॉ. नेगी ने कहा कि इस पहल से हर कुत्ते का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा और समय पर टीकाकरण व देखभाल सुनिश्चित होगी।
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि इस अभियान में कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और नंबरिंग की जाएगी। आक्रामक या बार-बार काटने वाले कुत्तों को चिन्हित कर टूटीकंडी डॉग हॉट में शिफ्ट किया जाएगा ताकि लोगों को सुरक्षित माहौल मिल सके। उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसमें वैक्सीनेशन, स्टरलाइजेशन और डिजिटलाइजेशन को एक साथ जोड़ा गया है।
शहर में इस समय 4,000 से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं और हर महीने 100 से ज्यादा डॉग बाइट केस आईजीएमसी और डीडीयू अस्पताल में दर्ज होते हैं। इनमें महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में शिकार बनते हैं। निगम को उम्मीद है कि स्मार्ट कॉलर तकनीक से लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी और कुत्तों के काटने की घटनाओं पर नियंत्रण होगा।
इसी के साथ शिमला में 15 से 29 अगस्त तक मेगा डॉग वैक्सीनेशन ड्राइव भी चल रही है। इसका शुभारंभ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रिज मैदान से किया। अभियान में नगर निगम शिमला, पशुपालन विभाग, ह्यूमेन पीपल एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संगठन मिशन रैबीज़ मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें शहर के सभी 34 वार्डों में करीब 4,000 कुत्तों को एंटी-रेबीज़ का टीका लगाया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी और पर्यटन नगरी शिमला में यह कदम लोगों को बड़ी राहत देगा और आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाने में मददगार साबित होगा।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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