—विश्वविद्यालय के वेद विभागाध्यक्ष रहे,दी गई श्रद्धांजलि
वाराणसी,02 सितम्बर (Udaipur Kiran) । सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व वेद विभागाध्यक्ष संस्कृत के प्रकांड विद्वान प्रो. युगल किशोर मिश्र नहीं रहे। सोमवार की देर रात उन्होंने अंतिम सांसे ली। मंगलवार को प्रो.मिश्र के निधन की जानकारी पाते ही विश्वविद्यालय में शोक की लहर दौड़ गई। विश्वविद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों के साथ छात्र भी उनके आवास पर शोक संवेदना जताने पहुंच गए। कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने भी प्रो. मिश्र के निधन पर शोक जताया।
उन्होंने कहा कि प्रो. मिश्र के आकस्मिक निधन का समाचार पाकर विश्वविद्यालय परिवार गहन शोकाकुल एवं स्तब्ध है। वैदिक परम्परा के उद्भट विद्वान, संस्कृत-जगत् के आचार्य तथा शिक्षा-जगत् के निष्ठावान् पथप्रदर्शक के रूप में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनके आकस्मिक निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। कुलपति प्रो शर्मा ने बताया कि प्रो.मिश्र दीर्घकाल तक सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के वेद विभागाध्यक्ष रहे। अपने अद्भुत पाण्डित्य, गहन शोधदृष्टि एवं अध्यापन के प्रति अनन्य समर्पण से अनगिनत शिष्यों को आलोकित किया। वैदिक अध्ययन की गम्भीर परम्परा को प्रो.मिश्र ने नवीन सन्दर्भ प्रदान किया। उनकी विद्वत्ता केवल कक्षाओं व ग्रन्थों तक सीमित नहीं रही, अपितु आचरण, साधना और संस्कृत परम्परा की प्राणवत्ता को भी आपने प्रत्यक्ष रूप से मूर्त किया। जगद्गुरु रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान के कुलपति पद पर आसीन होकर प्रो.मिश्र ने वहाँ भी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक दृष्टि से अनुकरणीय योगदान दिया। प्रो. मिश्र महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान में सदस्य सचिव के दायित्व का निर्वहन करते हुए प्रतिष्ठान को नवीन ऊंचाइयों पर आसीन कराए। इस दुखद घड़ी में विश्वविद्यालय परिवार दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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