यमुनानगर, 30 जून (Udaipur Kiran) । पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार भारी बारिश की वजह से सोम और पथराला नदियां उफान पर हैं। नदियों का जलस्तर बढ़ने से पानी खेतों और गांवों में घुसने से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। जिससे करीब 500 एकड़ धान फसल की चल रही बुआई जलमग्न हो गई है। कई गांवों में सड़कें दरिया बन गई हैं।
बारिश के कारण यमुनानगर और जगाधरी शहर में आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ है। किसान राजपाल और कर्ण ने सोमवार को बताया कि जून के महीने में समय से पहले मानसून के आने और अधिक बारिश होने से किसानों की चिंता बढ़ा दी है। छछरौली क्षेत्र की सोम और पथराला छोटी नदियों के पानी ने धान की रोपाई पर रोक लगा दी है। किसानों का कहना है कि ज्यादा पानी की वजह से गन्ने की फसल को भी नुकसान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, बारिश का पानी सड़क से ऊपर आ चुका है, जिससे भारी वाहन गुजरने में असमर्थ हो गए हैं। वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर पानी से भरी सड़कों को पार कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है। हर साल फसलें डूबती हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देता हैं। किसान दिन-रात की मेहनत से जो फसल उगाते हैं, वह हर बार पानी में बह जाती है। अफसरों की योजनाएं कागजों से आगे नहीं बढ़ पातीं। वे दफ्तरों में बैठकर योजना तो बनाते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। ऐसा ही हाल यमुनानगर- जगाधरी शहरों का देखने को मिल रहा है। जहां रविवार देर रात से ही रही बारिश से तिलक नगर,आजादनगर,पुराना हमीदा, कैंप और शादीपुर क्षेत्र की कालोनियों में पानी घरों में घुस गया। जिससे उनके घरेलू सामान का भारी नुकसान हो गया है और सिवरेज बन्द होने से गन्दा पानी गलियों में जमा हो गया है, जिससे लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया। वहीं लोगों ने मानसून की तैयारियों को लेकर निगम अधिकारियों और महापौर की कार्यशैली पर सवाल उठाए।
(Udaipur Kiran) / अवतार सिंह चुग
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