भोपाल, 13 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) .Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय कैंपस और उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने के दिशा-निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि ये संस्थान आईआईटी, आईआईएम और अन्य राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थानों की तर्ज पर विकसित किए जाएं. उनका जोर सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान पर नहीं, बल्कि रोजगारपरक और बहुउद्देश्यीय पाठ्यक्रमों पर भी है. इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में ऐसे विषय और कोर्स प्रारंभ किए जाएं, जो विद्यार्थियों को रोजगार-सृजन और व्यावहारिक ज्ञान देने में सक्षम हों.
Chief Minister यह बातें Monday देर शाम मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग और प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में रोजगारपरक नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के संबंध में आयोजित बैठक में कह रहे थे. इस बैठक में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, प्रमुख सचिव संदीप यादव, प्रमुख सचिव मनीष सिंह सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, उच्च शिक्षाविद् और विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
Chief Minister डॉ. यादव ने बैठक में कहा कि अटल Biharी वाजपेयी विश्वविद्यालय में अगले सत्र से कृषि संकाय की शुरुआत की गई है, जबकि सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में बीटेक में डेयरी टेक्नॉलॉजी का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विद्यार्थियों में इन नए कोर्सों का प्रचार-प्रसार करें ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इस क्षेत्र में अध्ययन के लिए प्रेरित हों. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की अधिकता है, इसलिए विश्वविद्यालयों में विमानन संबंधित पाठ्यक्रम शुरू किए जाएं.
Chief Minister ने महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन को आयुर्वेदिक शिक्षा के विस्तार पर ध्यान देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय बनाने पर गंभीरता से विचार किया जाए, जिससे न केवल विश्वविद्यालय का परिधि क्षेत्र बढ़ेगा, बल्कि प्रदेश के 50 से अधिक आयुर्वेदिक महाविद्यालय इसके अंतर्गत आएंगे. यह कदम प्रदेश में आयुर्वेद शिक्षा और शोध के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
भर्ती प्रक्रिया पर बात करते हुए, Chief Minister ने कहा कि विश्वविद्यालयों में सभी प्रकार की भर्तियों को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए. अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने जानकारी दी कि प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के कुल 364 पद भरे जा चुके हैं और 1585 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने यह भी बताया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. झाबुआ में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए ग्राम कल्याणपुरा में 70 एकड़ भूमि आवंटित की जा चुकी है और देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर ने जिला अस्पताल झाबुआ को टीचिंग हॉस्पिटल के रूप में अनुमति देने के लिए आवेदन किया है.
Chief Minister ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलगुरुओं को अगले पांच साल का रोडमैप तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में कृषि, उद्यानिकी, फ्लोरीकल्चर, पर्यटन, माइनिंग, विमानन और दुग्ध उत्पादन जैसे रोजगारपरक विषयों के पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएं. विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों की उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाने होंगे. कृषि विश्वविद्यालयों को विशेष रूप से प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर विद्यार्थियों को प्रवृत्त करना होगा. सभी विश्वविद्यालयों को यह आंकड़े प्रस्तुत करने होंगे कि उन्होंने कितने रोजगारपरक विषय शुरू किए, कितने विद्यार्थियों ने इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया और कितने विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों ने रोजगार या प्लेसमेंट प्रदान किया.
अपर मुख्य सचिव अनुपम राजन ने जानकारी दी कि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर में बीबीए एविएशन का तीन वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू किया गया है, जिसमें करीब 30 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है. इसके अलावा, बीएसी एविएशन पाठ्यक्रम बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन और चित्रकूट विश्वविद्यालय में भी प्रारंभ किया गया है.
राजन ने यह भी बताया कि प्रदेश में 384 शोध केंद्र संचालित हैं और 100 नए शोध केंद्र स्थापित किए जाने हैं. सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में Indian ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ की स्थापना की जा चुकी है. शासकीय महाविद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों के भ्रमण को वार्षिक कैलेंडर में शामिल किया गया है.
अंत में Chief Minister ने कहा कि Madhya Pradesh के सभी उच्च शिक्षण संस्थान विश्वस्तरीय बनाए जाएं. विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा के साथ रोजगारपरक और बहुउद्देश्यीय ज्ञान भी प्रदान किया जाना चाहिए. इसके लिए विश्वविद्यालयों में अधोसंरचना विकास, डिजिटल मूल्यांकन, और प्रधानमंत्री उषा परियोजना के तहत निर्माण कार्यों को तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं. इस परियोजना के तहत तीन विश्वविद्यालयों में 326 करोड़ रुपये की लागत से 38 कार्य मंजूर किए गए हैं, जिनमें कन्या छात्रावास, कृषि संस्थान भवनों का विस्तार, ऑडिटोरियम निर्माण और प्रयोगशालाओं का उन्नयन शामिल है.
(Udaipur Kiran) तोमर
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