–उच्च न्यायालय ने बीएसए को दिया निर्देश
प्रयागराज, 24 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे अध्यापकाें की तरफ से दायर कई याचिकाओं को निस्तारित कर बेसिक शिक्षा अधिकारी को इस पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कई अलग-अलग याचिकाएं दायर कर टीचरों ने कोर्ट को बताया कि वे अलग अलग तिथियों पर बीटीसी प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। परन्तु उन्हें ट्रेन्ड ग्रेड पे का लाभ उनकी नियुक्ति की तिथि से नहीं दिया जा रहा है।
यह आदेश जस्टिस मंजू रानी चौहान ने झांसी जिले के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे टीचर संजय कुमार द्विवेदी, शिव नाथ सिंह, संजीव कुमार तिवारी समेत अन्य टीचरों की तरफ से दायर विभिन्न याचिकाओं पर पारित किया है। इन सभी टीचरों का कहना है कि प्रदेश के कुछ जिलों आजमगढ़ आदि में प्रक्षिक्षण प्राप्त कर चुके टीचरों को ट्रेन्ड ग्रेड पे का लाभ उनकी प्रारंभिक नियुक्ति की तिथि से दिया जा रहा है। जबकि उनके तमाम प्रत्यावेदन देने के बावजूद झांसी में बेसिक शिक्षा अधिकारी इन टीचरों को उसका लाभ नहीं दे रहे हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी की तरफ से अधिवक्ता रामानंद पान्डेय ने याचिका पर प्रतिवाद किया तथा कहा कि याची अध्यापकाें की मांग सरकारी शासनादेशों पर निर्भर है। कहा गया कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ही मान्य शासनादेशों के अनुसार टीचरों की देयता पर निर्णय ले सकते हैं। कहा गया कि किसी टीचर को मिलने वाला लाभ केवल इस आधार पर नहीं दिया जा सकता है कि किसी विशेष जिला आजमगढ़ में ट्रेन्ड ग्रेड पे का लाभ टीचरों को उसकी नियुक्ति की तिथि से दिया जा रहा है।
हाईकोर्ट ने फिलहाल याचिका को निस्तारित कर दिया है तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी झांसी को नियमानुसार इस मामले पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बीएसए को चार हफ्ते में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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