जोधपुर, 22 अप्रैल . महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक शख्स के साथ हुए साइबर फ्रॉड का पैसा शातिरों के खातों से घूमता हुआ बंबोर के एक ई-मित्र के खाते में पहुंच गया. इसके बाद जब इस ई-मित्र का बैंक खाता फ्रीज हुआ, तब संचालक को इसका पता चला. अब संचालक ने गांव के ही एक मोबाइल शॉप संचालक के खिलाफ फ्रॉड का रुपया ट्रांसफर कर नकद राशि लेकर धोखाधड़ी करने का मामला झंवर थाने में दर्ज कराया है.
झंवर पुलिस ने बताया कि बंबोर दर्जियान निवासी शैतानराम दर्जी पुत्र आईदानराम की ओर से रिपोर्ट दी गई है. इसमें परिवादी ने बताया कि उसका 20 मील पर रामदेव ई-मित्र है. यहां जोलियाली निवासी ग्राहक रामाराम विश्नोई पुत्र प्रेमाराम ने अपने मजदूरों के खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा, लेकिन उस दिन शैतानराम के ई-मित्र अकाउंट में इतनी राशि नहीं थी. तब उसने अपने परिचित बंबोर के श्रीयादे ई-मित्र के संचालक श्रवण कुमार प्रजापत को फोन कर 50 हजार रुपये कैश के बदले राशि अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा. श्रवण ने अपने अकाउंट की लिमिट खत्म होने की बात कही.
इसके 15-20 मिनट बाद ही श्रवण प्रजापत ने फोन कर शैतानराम को बताया कि बंबोर स्थित विष्णु मोबाइल पाइंट का संचालक जसवंत विश्नोई पुत्र पूनाराम विश्नोई निवासी गंगावास बाड़मेर को 50 हजार रुपये नकद चाहिए. यह राशि उसे दे दीजिए, वो आपके खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर देगा.
इस पर शैतानराम ने ग्राहक रामाराम विश्नोई से 50 हजार रुपए बंबोर में श्रवण प्रजापत को देने की बात कही. उससे यह राशि श्रवण प्रजापत को दी. यहीं पर पहले से खड़े जसवंत विश्नोई ने श्रवण से रोकड़ लेकर परिवादी शैतानराम के खाते में 50 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. जो परिवादी ने 18 दिसंबर 2024 को ही रामाराम के एक मजदूर के खाते में ट्रांसफर कर दिए.
ई-मित्र संचालक शैतानराम के पास 8 जनवरी को बैंक का एक मैसेज आया, जिसे देखकर उसके होश उड़ गए. मैसेज में बताया गया कि उस 50 हजार के लेनदेन पर साइबर सेल द्वारा होल्ड लगा दिया गया है. उसी दिन रामाराम विश्नोई का भी फोन आया, कि जो राशि मजदूर के खाते में भेजी थी, वो अकाउंट भी होल्ड हो गया है. अब मजदूर उसे परेशान कर रहे हैं.
परेशान शैतानराम अपनी बैंक पहुंचा, तो उसे बताया गया कि 18 दिसंबर को जो पेमेंट आया था, उसे साइबर सेल ने होल्ड करा दिया है. बैंक स्टेटमेंट देखने पर पता चला कि वो राशि तो जसवंत विश्नोई ने भेजी थी, जिसकी वजह से उसका खाता ही फ्रीज कर दिया गया है.
एक ही गांव के होने के चलते शैतानराम अपने आस पड़ौस के दुकानदारों के साथ जसवंत विश्नोई से बात की, तो उसने रुपये देने से मना कर दिया. इस पर सभी मिलकर झंवर थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई. तब पुलिस अधिकारियों ने भी जसवंत विश्नोई को समझाया, तो उसने 20 दिन में रुपये देने की हामी भरी. इसके बाद वो तारीख पर तारीख देता गया, लेकिन रुपये नहीं दिए. लगातार चार महीने तक टरकाने के साथ अब जसवंत विश्नोई जान से मारने की धमकी दे रहा है.
परेशान शैतानराम अपना फ्रीज अकाउंट दुबारा चालू कराने के लिए कोल्हापुर तक पहुंचा, लेकिन वहां भी उसे यही जवाब मिला कि जब तक 50 हजार रुपये वापस रिफंड नहीं होंगे, तब तक अकाउंट चालू नहीं हो सकता है. इस चक्कर में उसके ई-मित्र का काम भी पूरी तरह ठप हो चुका है. आखिरकार उसने जसवंत विश्नोई के खिलाफ झंवर थाने में एफआईआर दर्ज कराई. अब पुलिस उसकी तलाश में जुटी है.
/ सतीश
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