शिमला, 23 सितंबर (Udaipur Kiran News) . Himachal Pradesh उच्च न्यायालय ने बहुचर्चित मासूम युग हत्याकांड मामले में मंगलवार को अहम फैसला सुनाते हुए दो दोषियों चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है, जबकि तीसरे आरोपित तजेंद्र पाल सिंह को आरोपों से बरी कर दिया है. न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति राकेश कैंथला की विशेष खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि चंद्र शर्मा और विक्रांत बख्शी को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है, जिसका अर्थ है कि वे शेष जीवन तक जेल में रहेंगे. अदालत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में फांसी की सजा बरकरार नहीं रखी जा सकती.
अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि सेशन कोर्ट द्वारा दोषियों को दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदला जाता है और यह उम्रकैद प्राकृतिक जीवन तक यानी अंतिम सांस तक रहेगी. साथ ही तीसरे आरोपित तेजिंद्र पाल सिंह को बरी कर दिया गया है. पिछले दिनों न्यायालय ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रखा था.
इससे पहले 6 सितंबर 2018 को शिमला की जिला एवं सत्र अदालत ने इस मामले को “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” की श्रेणी में पाते हुए विक्रांत बख्शी, चंद्र शर्मा और तेजिंद्र पाल को फांसी की सजा सुनाई थी. अदालत ने माना था कि इन्होंने एक मासूम की जिंदगी को अमानवीय तरीके से खत्म किया और फिरौती की रकम वसूलने की कोशिश की.
मामला जून 2014 का है, जब शिमला के राम बाजार से चार वर्षीय मास्टर युग का अपहरण कर लिया गया था. पड़ोस में रहने वाले तीनों आरोपितों ने फिरौती के लिये युग का अपहरण किया और युग के पिता से साढ़े तीन करोड़ रुपये फिरौती मांगी थी. फिरौती पूरी न होने पर मासूम को बर्बर यातनाएं दीं और उसके शरीर पर पत्थर बांधकर जिंदा पानी के टैंक में फेंक दिया. अगस्त 2016 में भराड़ी के पेयजल टैंक से युग का कंकाल बरामद हुआ. जांच सीआईडी को सौंपी गई, जिसने ठोस साक्ष्य जुटाकर 25 अक्टूबर 2016 को अदालत में चार्जशीट पेश की. फरवरी 2017 से ट्रायल शुरू हुआ और इसमें कुल 135 में से 105 गवाहों के बयान हुए. दस माह के भीतर जिला अदालत ने दोषियों को मौत की सजा सुना दी.
न्यायालय का यह फैसला आने के बाद मासूम युग के परिजनों ने गहरी नाराजगी जताई है. युग के पिता विनोद गुप्ता ने कहा कि 11 साल गुजरने के बाद भी हमारे बेटे को न्याय नहीं मिला. फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलकर अदालत ने हमें और दुखी कर दिया. जिन दोषियों ने मासूम को बेरहमी से मार डाला, उन्हें फांसी मिलनी चाहिए थी. हम उच्चतम न्यायालय जाएंगे और वहां न्याय की गुहार लगाएंगे. हमारी यही मांग रहेगी कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दी जाए.
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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