वाराणसी,06 अप्रैल . वासंतिक चैत्र नवरात्र के रामनवमी पर रविवार को मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम का जन्मोत्सव मना उनके चित्र की आरती उतारी. मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान के संयुक्त पहल पर प्रतिवर्ष की भांति लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में भगवान राम की आरती उतारी.
उर्दू में लिखी राम आरती को मुस्लिम महिलाओं ने गाया. भगवान राम के जन्म पर पाम्परिक सोहर गाये और जय सियाराम का नारा भी लगाया. महिलाओं ने भगवान राम के तस्वीर की आरती उतारने के पूर्व रंगोली भी बनाई थी. इस अवसर पर महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन ने कहा कि राम भारत की संस्कृति के पर्याय हैं,हमारे पूर्वज हैं. हम अपनी परंपराओं और पूर्वजों को कैसे बदल सकते हैं? जब-जब हम रामजी की आरती करते हैं, तब-तब हमारे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है. नाजनीन ने कहा कि हमारे पूर्वज भी राम भक्त थे, हम भी हैं. संस्थान की डॉ. नजमा परवीन ने कहा कि रामनवमी हमारे देश की संस्कृति का हिस्सा है. रामजी की कृपा से तीन तलाक का बिल और वक्फ बिल मुस्लिम महिलाओं के समर्थन में पास हुआ. वक्फ बिल को लेकर पूरे देश में कट्टरपंथी मौलानाओं ने नफरत की आग जला रखी है. रामनवमी के अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने भगवान राम की महाआरती कर नफरत की आग पर प्रेम का पानी डालकर बुझाने का संदेश दिया है. संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव ने कहा कि भगवान राम का जन्मदिन मनाना हजारों वर्षों की परंपरा है. हर भारतीय इसको मनाता रहा है. मुस्लिम महिलाओं ने इस परंपरा को जीवंत रखा है. इस दौरान डॉ. अर्चना भारतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, नगीना बेगम, चांदनी, रुखसाना, सितारा बानो, खुशबू जरीना, शमा, इकरा, नाजमा, शमसुननिशा, सुनीता, सुमन प्रीति, आशा, आभा भारतवंशी आदि की भी मौजूदगी रही.
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/ श्रीधर त्रिपाठी
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