प्रयागराज, 17 अप्रैल . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के एक टेंडर में अनियमितता के आरोपी मनोज कुमार शाह को राहत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही लंका थाने में दर्ज धोखाधड़ी का मुकदमा रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका वापस लिए जाने की मांग स्वीकार करते हुए खारिज़ कर दी.
यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने मनोज कुमार शाह की याचिका पर दिया है. एसीजेएम कोर्ट के आदेश पर वाराणसी के लंका थाने में बीएचयू अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो कैलाश कुमार, डॉ ए एन डी द्विवेदी, रश्मि रंजन और पल्स डायग्नोस्टिक के एमडी मनोज कुमार शाह व निदेशक सुनैना बिहानी के खिलाफ गत 19 मार्च को धोखाधड़ी में मुकदमा दर्ज किया गया है.
शिकायतकर्ता डॉ उदयभान सिंह ने एफआईआर में आरोप लगाया है कि बीएचयू अस्पताल की ओर से छह अगस्त 2024 को पीपीपी मोड पर डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेवाओं के संचालन व अन्य कार्य का टेंडर जारी किया गया था. याची ने फर्जी जीएसटी नंबर का इस्तेमाल अन्य आरोपियों की मिलीभगत से टेंडर प्राप्त कर लिया. जबकि टेंडर की शर्त थी कि आवेदन की तिथि तक आवेदक के पास सभी अहर्ताएं होनी चाहिए. डायग्नोस्टिक के एमडी मनोज कुमार शाह ने हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर दर्ज मुकदमा रद्द करने और गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की.
कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया याची के पास जीएसटी नंबर नहीं था. उसने टेंडर में जीएसटी आवेदन के नंबर का इस्तेमाल किया. इसके बाद याची के अधिवक्ता ने याचिका वापस लेने की प्रार्थना की जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी.
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/ रामानंद पांडे
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