यरूशलेम, 05 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने Saturday को जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में सभी बंधक (जीवित और मृत दोनों) वापस लौट आएंगे. उन्होंने कहा कि इजराइल “एक बहुत बड़ी उपलब्धि के कगार पर” है, हालांकि समझौता अभी अंतिम नहीं हुआ है और इस दिशा में कड़ी मेहनत जारी है.
नेटन्याहू ने कहा, “ईश्वर की कृपा से आने वाले दिनों में, सुक्कोत त्योहार के दौरान, हम सभी बंधकों की वापसी की घोषणा कर सकेंगे, जबकि इजराइली सेना (आईडीएफ) अब भी गाजा में तैनात रहेगी.”
प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक 207 बंधकों की वापसी हो चुकी है, लेकिन “मैंने कभी शेष बंधकों को लेकर उम्मीद नहीं छोड़ी, न ही युद्ध के लक्ष्यों को.”
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के साथ समन्वय में की गई कूटनीतिक पहल ने “स्थिति को पूरी तरह बदल दिया” है. नेतन्याहू के अनुसार, “अब इजराइल नहीं, बल्कि हमास अलग-थलग पड़ेगा.”
उन्होंने कहा कि योजना के पहले चरण में सभी बंधकों को रिहा किया जाएगा और आईडीएफ गाजा में ऐसे स्थानों पर पुनः तैनात होगी, जिससे वह इलाके की निगरानी जारी रख सके.
नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि हमास को रिहाई पर सहमत कराने में सिर्फ सैन्य और कूटनीतिक दबाव ने भूमिका निभाई है. उन्होंने आलोचकों के उस दावे को खारिज किया कि “हमास एक या दो साल पहले बिना आईडीएफ की वापसी के भी सभी बंधकों को छोड़ने को तैयार था.” नेतन्याहू ने कहा, “यह पूरी तरह झूठ है. हमास का रुख सिर्फ हमारे दबाव की वजह से बदला.”
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू “भारी दबाव” के बावजूद युद्ध जारी रखने के अपने फैसले को सही ठहराया और President ट्रंप का ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर कड़े रुख और समर्थन के लिए धन्यवाद किया.
नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने इजराइल की वार्ता टीम, जिसकी अगुवाई रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर कर रहे हैं, को काहिरा रवाना होने का निर्देश दिया है ताकि बंधक रिहाई से जुड़ी “तकनीकी औपचारिकताएं” पूरी की जा सकें.
उन्होंने कहा, “हमारा और हमारे अमेरिकी मित्रों का इरादा है कि वार्ता कुछ ही दिनों में पूरी हो जाए,” साथ ही जोड़ा कि ट्रंप ने आज स्पष्ट कर दिया है कि वे हमास की किसी भी देरी की रणनीति को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
नेतन्याहू ने बताया कि समझौते के दूसरे चरण में “हमास को निशस्त्र किया जाएगा और गाजा पट्टी को पूर्णतः सैन्यीकरण-मुक्त” बनाया जाएगा. उन्होंने चेतावनी दी, “यह या तो ट्रंप योजना के तहत कूटनीतिक तरीके से होगा, या फिर हमारे सैन्य बल के जरिए.”
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
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