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हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है जालौन में मनाया जाने वाला उर्स, 84 वर्षों से होता आ रहा है आयोजन

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जालौन, 27 मई . जालौन में मनाया जाने वाला उर्स कौमी एकता का प्रतीक है. जिसे हिन्दू मुस्लिम एकता के रूप में भी देखा जाता है. पिछले 84 वर्षों से मनाए जाने वाले हजरत बेरी वाले बाबा के उर्स की इस वर्ष भी तैयारियां तेज हो गईं हैं. उर्स कमेटी ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उर्स को लेकर जानकारी दी. कमेटी पदाधिकारियों ने बताया की उर्स में देश के जाने माने कव्वाल भी शामिल होंगे, जिनकी जबाबी कब्बाली आकर्षण का केंद्र होती है.

कमेटी के अध्यक्ष अनुभव चतुर्वेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जालौन के जिला मुख्यालय उरई में हजरत बेरी वाले बाबा का उर्स 84 वर्षों से मनाया जाता रहा है. हिन्दू मुस्लिम एकता के प्रतीक बेरी वाले बाबा का 85वां उर्स भी धूमधाम के साथ मनाया जाएगा, जिसमें सर्वधर्म के लोग शामिल होंगे. आगामी 1 व 2 जून को स्टेशन रोड स्थित बाबा की मजार पर उर्स की तैयारियां की जा रहीं हैं. एक जून से चादरपोशी की रस्म के साथ ही उनका दो दिवसीय उर्स की बज़्म महफ़िले समां से शुरू होगी. इसके बाद बाबा के शागिर्दों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की कड़ी में तीन तारीख को इसका समापन होगा. दो दिन तक चलने वाले इस उर्स की तैयारियों में पूरे जिले का हुजूम इकट्ठा है.

उन्होंने बताया कि उर्स में देश के नामी कब्बाल भी शामिल होंगे. जिनमें कोल्हापुर की छोटी तमन्ना, मुम्बई के अनीस नबाब, सहारनपुर के उमरदराज चिश्ती, फैजान रजा अजमेरी समेत तमाम कब्बाल शामिल हैं. जिनकी जबाबी कब्बाली आकर्षण का केंद्र होती है. उन्होंने बताया कि उर्स में जिले भर के हर समुदाय के लोग शामिल होते हैं. जिस कारण उर्स को कौमी एकता और हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक भी कहा जाता है. हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक माने जाने वाले इस कार्यक्रम की व्यवस्था में रिजवान खान कोषाध्यक्ष, नजम हाशमी, फिरोज खान, पप्पू पठान, जुबेर खान, लियाकत चिश्ती, आरिफ खान, मौलाना अरमान, सद्दाम नगर पालिका, सलामत चिश्ती, हाफिज फिरोज मिर्जा सहयोग कर रहे है.

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/ विशाल कुमार वर्मा

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