—बाबा के स्वर्ण-रजत पंचबदन विग्रह पर जगह—जगह पुष्पवर्षा,शाम को बाबा के विग्रह की बसंत पूजा
वाराणसी,27 जून (Udaipur Kiran) । आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर शुक्रवार को काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव परम्परागत रूप से नगर भ्रमण के लिए रथ पर सवार होकर निकले। बाबा कालभैरव के स्वर्ण-रजत पंचबदन विग्रह की 71वीं शोभायात्रा स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से चौखंभा स्थित काठ की हवेली से प्रात:काल श्रद्धा और उल्लास के साथ निकाली गई।
शोभायात्रा में शामिल होने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रही। बाबा के नगर भ्रमण पर निकलने के पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों ने बाबा कालभैरव के पंचबदन रजत प्रतिमा की आरती उतारी। इसके बाद बाबा के प्रतिमा को पुष्पों से सुसज्जित रथ पर सवार करा कर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में आगे घुड़सवार पुलिस चल रही थी। इसके बाद ताशा बाजा के साथ ध्वजा पताका लिए श्रद्धालु चल रहे थे। छतरी युक्त घोड़ों पर देव स्वरूप धारण किए उनके गणों के साथ बैंड बाजा और पाइप बैंड की धुनों के साथ टोली भी शोभा यात्रा में चल रही थी। शोभा यात्रा में कमेटी के संस्थापक स्वर्गीय किशुनदास, स्वर्गीय भीखू सिंह की तस्वीर भी सुसज्जित ट्राली पर रखी गई थी। साथ में उनके परिजन ,विभिन्न सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता चल रहे थे। 50 स्थानों पर शोभायात्रा की पूजा-अर्चना की गई। शोभायात्रा में डमरुओं की गड़गड़ाहट से पूरा क्षेत्र गुंजायमान रहा। कमेटी के महामंत्री सतीश कुमार सिंह के अनुसार शोभायात्रा चौखंभा से बीबी हटिया, जतनवर, विश्वेश्वरगंज, दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, नारियल बाजार, गोविंदपुरा, ठठेरी बाजार, सोराकुंआ, गोलघर, भुतही इमली होते हुए काल भैरव मंदिर चौराहे पहुंचकर सम्पन्न हुई। यहां बाबा की भव्य आरती उतारकर प्रतिमा को मंदिर में प्रतिस्थापित किया गया। बाबा कालभैरव मंदिर में सायंकाल पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के आचार्यत्व में 11 भूदेव बसंत पूजन करेंगे। मंदिर में रात 11 बजे महाआरती तक भक्तों के दर्शन पूजन का क्रम चलता रहेगा।
—वर्ष 1954 में बाबा काल भैरव की स्वर्ण-रजत प्रतिमा निर्मित हुई
स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के पदाधिकारियों के अनुसार वर्ष 1954 में निर्मित बाबा काल भैरव के स्वर्ण-रजत प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा प्रतिवर्ष आषाढ़ सुदी द्वितीया के दिन स्वर्णकार बंधु निकालते हैं। इसमें पूर्वांचल व काशी के जनप्रतिनिधि, धर्म पीठाधीश्वर, सामाजिक व आध्यात्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, स्वर्णकार समाज के लोग भाग लेते है।शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती, हनुमान जी तथा काली जी सहित अनेक देव स्वरूप रहते है। बाबा रथ पर भ्रमण कर अपने भक्तों का प्रतीक रूप से दुख दर्द सुनते है।
—————
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
You may also like
6 जुलाई , Morning News Headlines: आज सुबह तक की सभी ताजा खबरें क्रिकेट जगत से
हिमाचल में कहर बरपाती बारिश, मंडी में तबाही, 31 लोग लापता, 260 सड़कें बंद; रेड अलर्ट जारी
1 मैच 430 रन, Shubman Gill ने बनाए कई World Record, 148 साल में ऐसा करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बने
पीएम मोदी का दौरा ऐतिहासिक, भारत-ब्राजील के रिश्ते होंगे और मजबूत: व्यवसायी श्रेयांस गोयल
आषाढ़ी एकादशी की प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं, भगवान विट्ठल से सुख-समृद्धि का मांगा आशीर्वाद