-आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महामुनिराज के सानिध्य में 30 जुलाई तक चलेगा भक्ति उत्सव
देहरादून, 18 जुलाई (Udaipur Kiran) । उत्तराखंड के राजकीय अतिथि आचार्य श्री 108 सौरभ सागर महामुनिराज के मंगल सानिध्य में 60 गांधी रोड स्थित दिगंबर जैन पंचायती जैन भवन में संगीतमय कल्याण मंदिर विधान का आयोजन 30 जुलाई तक निरंतर चलेगा। भक्तजन बड़े भक्ति भाव के साथ 23वें तीर्थंकर चिंतामणि भगवान पार्श्वनाथ की आराधना में लीन हैं। आज के विधान के पुण्यार्जक जैन मिलन परिवार, संजय जैन-ऋतु जैन और अनिल जैन-शैफाली जैन रहे।
आचार्य का दिल्ली से पधारे गुरुभक्तों का पुष्प वर्षायोग समिति ने स्वागत अभिनंदन किया। विधान के सातवें दिन आचार्य श्री सौरभ सागर ने कहा कि परमात्मा की आराधना गृहस्थ जीवन की सबसे बड़ी साधना है। जिस घर में परमात्मा की आराधना नहीं होती, वह नास्तिक माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस सृष्टि में आस्तिक और नास्तिक दोनों हैं। ईश्वर को मानने वाले और न मानने वाले दोनों समृद्ध हो सकते हैं, लेकिन आंतरिक विश्लेषण से पता चलता है कि नास्तिकों के पास सुख तो हो सकता है, पर शांति नहीं, जबकि आस्तिकों को सुख के साथ शांति भी प्राप्त होती है।
मीडिया कोऑर्डिनेटर मधु जैन ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न संस्थाओं के विधान आयोजित हो रहे हैं, जिसमें लोग उत्साह से भाग ले रहे हैं। इसके अलावा, दोपहर 3 बजे आचार्य जी के साथ शंका समाधान, भक्ति कार्यक्रम, वैयावृत्ति और अन्य गतिविधियां भी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / विनोद पोखरियाल
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