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जबलपुर : विदेश यात्रा के लिए जीतू पटवारी को हाईकोर्ट से आंशिक राहत

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जबलपुर, 20 जून (Udaipur Kiran) । मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी को हाईकोर्ट ने राहत देते हुए उनके पासपोर्ट के नवीनीकरण और यूनाइटेड किंगडम यात्रा की अनुमति संबंधी अंतरिम आवेदन को मंजूरी दी है। हाईकोर्ट ने उनके पासपोर्ट रिन्यूअल और यूनाइटेड किंगडम (उक) जाने की अनुमति देने संबंधी अंतरिम आवेदन स्वीकार कर लिए हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक में पढ़ाई कर रही उनकी बेटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के उद्देश्य से यह आंशिक राहत दी गई है।

पटवारी के अधिवक्ता ने कोर्ट में यह दलील दी कि यूनाइटेड किंगडम के वॉरविक विश्वविद्यालय में पढ़ रही उनकी बेटी का दीक्षांत समारोह 14 जुलाई से 25 जुलाई 2025 के बीच होना है। इस अवसर पर शामिल होने के लिए उन्हें पासपोर्ट का नवीनीकरण और वीजा की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि उनका पासपोर्ट 03 सितंबर 2020 को ही एक्सपायर हो चुका है और एफआईआर लंबित के चलते नवीनीकरण में बाधा आ रही है।

वहीं राज्य शासन की तरफ से डिप्टी एडवोकेट जनरल ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि पटवारी को पहले निचली अदालत से अनुमति लेनी चाहिए थी। जिस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब मामला पहले से ही हाइकोर्ट में विचाराधीन है, तो इसी अदालत में पासपोर्ट नवीनीकरण और यात्रा की अनुमति हेतु आवेदन देना वैध और उचित है। जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने कहा कि केवल लंबित आपराधिक मामलों के आधार पर किसी भी नागरिक को विदेश यात्रा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट ने जीतू पटवारी को 60 दिन की विशेष अनुमति दी है जो 30 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगी। यह राहत इसलिए दी गई क्योंकि एक मामले में अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। दूसरे मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है लेकिन कोई नोटिस नहीं भेजा गया है।

कोर्ट ने यह भी निर्देशित किया कि पासपोर्ट नवीनीकरण और वीज़ा प्राप्त करने के बाद पटवारी को एक शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा, जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि वे न्यायालय द्वारा दी गई इस स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे।

उल्लेखनीय है कि जीतू पटवारी के विरुद्ध दो आपराधिक मामले लंबित हैं – पहला मामला ग्वालियर के डबरा थाने में दर्ज है जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 509 और एससी/स्ट अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1) (र) के तहत है जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 509 और एससी/स्ट अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(1) (र) के तहत आरोप हैं। दूसरा मामला अलीराजपुर के जोबट थाने में दर्ज है जिसमें उन पर आईपीसी की धारा 228ए, पोक्सो अधिनियम की धारा 23 और जेजे एक्ट की धारा 74 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। इन मामलों को रद्द करने की याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित हैं।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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