हरदा, 21 जून (Udaipur Kiran) । जिले में विद्युत मंडल द्वारा बकाया वसूली में मनमानी की जा रही है। जहां एक और काफी बड़ा चढ़ाकर बिल भेजा गया है वहीं दूसरी ओर बकाया वसूली का नोटिस अंग्रेजी में दिया जा रहा है। अधिकांश किसान कम पढे-लिखे हैं। उन्हें अंग्रेजी भाषा में दिया गया नोटिस समझ में नहीं आ रहा है। आसपास के लोगों को दिखाते हैं तो अंग्रेजी भाषा समझ में नहीं आ रही है। स्थानीय लोगों की मांग है कि मप्र का जब शासकीय कार्य हिन्दी में होता है, तब फिर ये अंग्रेजी में नोटिस क्यों थमाया जा रहा है। कम से कम गांव वालों को तो अंग्रेजी में इस तरह से नोटिस देने की परंपरा खत्म कर दी जाए, हमें हिन्दी आती है, अंग्रेजी नहीं समझ आती, ऐसे में हमें पता तो होना चाहिए आखिर जो नोटिस आया है, उसमें लिखा क्या है।
अंग्रेजी के बजाय हिंदी में भेजा जाये नोटिस – राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनिवास खोरे ने विद्युत मंडल के उच्चाधिकारी का ध्यान इस और आकृष्ट करते हुए बिल संबंधी नोटिस हिंदी भाषा में देने की मांग की है। अंग्रेजी भाषा में दिया गया नोटिस कम पढ़े-लिखे किसान समझ नहीं पाते हैं और उन्हें इधर-उधर परेशान होना पड़ता है। किसानों को बिल संबंधी सही सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। बिल पेनाल्टी आदि समझ में नहीं आती है। इस लिहाज से नोटिस देने की कार्यवाही हिंदी भाषा में देने की पहल की जाय। उन्होंने कहा है कि किसानों की मांग आवश्यकता और समस्या को ध्यान में रखते हुए इस तरह का कदम उठाये जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। किंतु उस पर अमल नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण समस्या आज भी बनी हुई है।
हिंदी पखवाड़ा में लिया गया संकल्प महज दिखावा –1 सितंबर से 14 सितंबर तक हर वर्ष हिंदी पखवाड़ा और 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिन हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का संकल्प तो लिया जाता है किंतु उस पर अमल नहीं किया जाता है। मुकेश भसीन का कहना है कि हिंदी की बात तो सभी करते हैं किंतु कामकाज हिंदी के बजाय अंग्रेजी में करते हैं।
कार्यालय के कर्मचारी नहीं दे पाते जानकारी – अंग्रेजी में किसानों को दिया जा रहा बकाया बिल वसूली के नोटिस के संबंध में किसानों को कार्यालय के ही अधिकांश कर्मचारी नहीं दे पाते हैं। अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान विद्युत मंडल के ही अधिकांश कर्मचारियों में नहीं है। अंग्रेजी के नोटिस को हिंदी में अनुवाद सही-सही नहीं कर पाते हैं। ऐसे में किसानों को अंग्रेजी में दिया जा रहा नोटिस किस हद तक उचित है। किसान नेता रामजीवन वाष्ट का कहना है कि किसानों को बकाया बिल वसूली के संबंध में अंग्रेजी में नोटिस देने से किसान खफा है। नोटिस समझने में आ रही समस्या को गंभीरता से लेते हुए अभिलंब समुचित कार्यवाही नहीं की गई तो खफा किसान इसका विरोध करने पर मजबूर हो जायेंगे ।
इस संबंध में हरदा जिला कलेक्टर सिद्धार्थ जैन से जब बात की गई तो उनका कहना यही रहा कि 5 एचपी तक पंप कनेक्शन, बीपीएल कार्डधारी और एक कनेक्शन माफ होने का प्रावधान है। ऐसे किसानों को बिल माफ किया जायेगा और बकाया बिल नोटिस को हिंदी में भेजने की कार्यवाही की जायेगी ।हिन्दुस्थान समाचार/प्रमोद सोमानी
(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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