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राज्यपाल ने किया क्यारकोटी में गोवर्धन धाम का दौरा

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शिमला, 12 अप्रैल . राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल आज शिमला के निकट क्यारकोटी में आयोजित गौ कथा में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित हुए. इस अवसर पर वह शनिधाम एवं कर्म घाट की प्राण प्रतिष्ठा में भी शामिल हुए. उन्होंने यहां स्थापित गो वर्धन धाम में गौ माता को अन्न भेंटकर गौ सेवा की. लेडी गवर्नर श्रीमती जानकी शुक्ल और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री अनिरूद्ध सिंह भी इस दौरान उपस्थित थे. इस अवसर पर संत श्री गोपाल मणि जी महाराज ने गऊ माता की महिमा का गुणगान किया.

राज्यपाल ने कहा कि इस क्षेत्र का उनका यह पहला दौरा है. घाटी की सुन्दरता से प्रभावित होकर, उन्होंने कहा कि क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए यहां पर्यटन केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए. गौ कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यह केवल गौ-कथा का ही नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक संरक्षण का भी एक अद्भुत आयोजन है.

उन्होंने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि गाय सम्पूर्ण विश्व की माता है. यह केवल कोई धार्मिक कथन नहीं है, बल्कि हमारी भारतीय संस्कृति की जीवन पद्धति है, जिसमें गौ माता का स्थान सबसे ऊंचा है. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौ माता का स्थान केवल एक पशु के रूप में नहीं बल्कि मां के रूप में है, जो हमें पोषण, स्वास्थ्य और संस्कार प्रदान करती हैं. इसलिए यह गौरवपूर्ण अवसर है, जब हम गौ-माता के महत्व, उनके संरक्षण और संवर्धन के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने गोवर्धन धाम स्थापित करने के लिए गोवर्धन धाम वेलफेयर सोसायटी और ग्रामवासियों को इस सराहनीय पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल गौ संरक्षण का कार्य किया है, बल्कि समाज के लिए शनिधाम और कर्म घाट जैसी सुविधाएं भी विकसित की हैं. गौ माता की सेवा और संरक्षण का कार्य अपने आप में पुण्य है. यह प्रयास न केवल गौ संरक्षण है बल्कि समाज में मानवीय संवेदनाओं को जगाने वाला कार्य भी है.

उन्होंने कहा कि पहाड़ी गाय न केवल हमारी संस्कृति और परंपरा से जुड़ी हुई है, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है. पहाड़ी गाय के दूध को अमृत समान माना जाता है. इसमें औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं. साथ ही, इसका गोबर प्राकृतिक खेती के लिए सर्वाेत्तम खाद है, जो रासायनिक खादों पर निर्भरता को कम करता है और जैविक कृषि को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि गौ माता केवल आस्था का नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संरक्षण का भी आधार हैं.

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/ उज्जवल शर्मा

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