फरीदपुर थाने में तैनात दरोगा सुनील कुमार वर्मा को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। आरोप है कि दरोगा ने जानलेवा हमले के एक मामले में आरोपियों के नाम निकालने के बदले 10 हजार रुपये की मांग की थी। शिकायत के बाद एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर शुक्रवार को उन्हें रंगे हाथों दबोच लिया।
वर्दी का रौब दिखाने की कोशिशगिरफ्तारी के समय दरोगा ने एंटी करप्शन की सादे कपड़ों में आई टीम को वर्दी का रौब दिखाकर बच निकलने की कोशिश की, लेकिन टीम ने बिना देर किए उसे हिरासत में ले लिया। इसके बाद आरोपी को फरीदपुर थाने लाया गया, जहां उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
शिकायतकर्ता ने दी थी सूचनासूत्रों के अनुसार, एक व्यक्ति ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत दी थी कि दरोगा वर्मा एक गंभीर मामले में आरोपियों के नाम हटाने के लिए पैसे मांग रहे हैं। शिकायतकर्ता ने पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग भी साक्ष्य के तौर पर टीम को सौंपी। सत्यापन के बाद टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई और शुक्रवार को तय समय पर आरोपी को पकड़ लिया गया।
पुलिस महकमे में हड़कंपइस गिरफ्तारी से बरेली पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। एक तरफ जहां पुलिस विभाग की साख को धक्का पहुंचा है, वहीं दूसरी ओर ईमानदार पुलिसकर्मियों की छवि पर भी असर पड़ सकता है। वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दरोगा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
आगे की कार्रवाईएंटी करप्शन टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं उसने पहले भी इस तरह की रिश्वतखोरी की घटनाओं को अंजाम तो नहीं दिया। साथ ही, जिन मामलों में उसने विवेचना की है, उनकी भी समीक्षा की जा सकती है।
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