ज्योतिषीय दृष्टि से 28 जून 2025 का दिन कुछ राशियों के लिए तनाव भरा हो सकता है। इस दिन आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 9:53 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। पुष्य नक्षत्र सुबह 6:35 बजे तक रहेगा, उसके बाद अश्लेषा नक्षत्र प्रभावी होगा। हर्षण योग शाम 7:15 बजे तक रहेगा, उसके बाद वज्र योग शुरू हो जाएगा। गर करण सुबह 9:53 बजे तक रहेगा, उसके बाद वणिज करण रात 9:28 बजे तक रहेगा, और इसके बाद विष्टि करण शुरू हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और बुध कर्क राशि में, शुक्र मेष राशि में, सूर्य और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के अनुसार, 28 जून 2025 का दिन पंचांग और ग्रहों की स्थिति के आधार पर मिलाजुला असर देने वाला रहेगा।
तृतीया तिथि सुबह तक कार्यों में सौम्यता और प्रगति लाएगी, लेकिन रिक्ता तिथि मानी जाने वाली चतुर्थी तिथि दोपहर से कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव और निर्णय लेने में जटिलता ला सकती है। शनि के प्रभाव वाला पुष्य नक्षत्र सुबह तक स्थिरता और धार्मिक कार्यों के लिए अनुकूल रहेगा, लेकिन बुध का नक्षत्र अश्लेषा नक्षत्र दोपहर से भावनात्मक अस्थिरता और मानसिक चंचलता ला सकता है। दिन के पहले भाग में हर्षण योग सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह देगा, जबकि शाम 7:15 बजे से शुरू होने वाला वज्र योग तनाव, संघर्ष और अचानक बदलाव ला सकता है। गर और वणिज करण कार्यों में कड़ी मेहनत और मामूली प्रगति का संकेत देते हैं, लेकिन रात 9:28 बजे से शुरू होने वाला विष्टि करण (भद्रा) नए कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और बुध कर्क राशि में युति में रहेंगे। अश्लेषा नक्षत्र के प्रभाव से भावनात्मक उलझन और संवेदनशीलता बढ़ सकती है। शुक्र का मेष राशि में होना रिश्तों में जल्दबाजी और आक्रामकता ला सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि में सूर्य और बृहस्पति की युति बुद्धि और नेतृत्व को बढ़ाएगी, लेकिन कुछ राशियों के लिए अहंकार या तनाव का कारण बन सकती है। सिंह राशि में मंगल और केतु की युति जोखिम, आक्रामकता और अप्रत्याशित घटनाओं का संकेत देती है। कुंभ राशि में राहु और मीन राशि में शनि लंबे समय तक चुनौतियां ला सकते हैं। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए यह दिन सबसे अशुभ रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
मेष राशि
चंद्रमा और बुध आपके चौथे भाव में रहेंगे, जो घर, परिवार और मानसिक शांति को प्रभावित करेंगे। आश्लेषा नक्षत्र और वज्र योग के प्रभाव से पारिवारिक तनाव, गलतफहमी या संपत्ति संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। शुक्र का आपके लग्न में होना रिश्तों में जल्दबाजी या आक्रामकता की स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे परिवार या जीवनसाथी से विवाद की संभावना बढ़ेगी। यह दिन घर, वाहन या संपत्ति से जुड़े मामलों में सावधानी बरतने का है, क्योंकि गलत फैसले नुकसान पहुंचा सकते हैं। परिवार के साथ शांतिपूर्ण बातचीत करें और गुस्से से बचें। उपाय: सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं। चंद्रमा की शांति के लिए शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं।
सिंह राशि
मंगल और केतु आपके लग्न भाव में होंगे, जो आपको आवेगी और जोखिम लेने वाला बना सकते हैं। बारहवें भाव में चंद्रमा और बुध के होने से अनियोजित खर्च, यात्रा में रुकावट या सिरदर्द और तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आश्लेषा नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से निर्णय लेने में उलझन और कार्यस्थल पर आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। रिश्तों में गलतफहमी बढ़ सकती है, खासकर दोस्तों या सहकर्मियों के साथ। जोखिम भरे कामों से बचें और धैर्य बनाए रखें। उपाय: सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। लाल चंदन का तिलक लगाएं।
तुला राशि
चंद्रमा और बुध आपके दसवें भाव में होंगे, जो कार्यस्थल पर तनाव या सहकर्मियों के साथ गलतफहमी ला सकते हैं। वज्र योग और आश्लेषा नक्षत्र के प्रभाव से पेशेवर परियोजनाओं में बाधाएं और मानसिक अशांति हो सकती है। मेष राशि में शुक्र के होने से रिश्तों में तनाव हो सकता है, खासकर जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ। आज के दिन कार्यस्थल पर आपकी मेहनत को मान्यता न मिलने से निराशा हो सकती है। कार्यस्थल पर संयमित रहें। उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें। सफेद वस्त्र या दूध का दान करें।
धनु राशि
चंद्रमा और बुध आपके अष्टम भाव में होंगे, जो अचानक परिवर्तन, मानसिक तनाव और वित्तीय जोखिम ला सकते हैं। मंगल और केतु के नवम भाव में होने से यात्रा या धार्मिक कार्यों में बाधा उत्पन्न हो सकती है। वज्र योग और विष्टि करण के प्रभाव से निवेश या लंबी योजनाओं जैसे जोखिम भरे फैसले नुकसान पहुंचा सकते हैं। स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है, क्योंकि तनाव या थकान परेशान कर सकती है। जोखिम भरे निवेश या यात्रा से बचें। उपाय: हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और बजरंग बाण का पाठ करें। काले तिल और सरसों के तेल का दान करें।
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