अगर आप डिजिटल पेमेंट पर पूरी तरह निर्भर हैं और जेब में कैश नहीं रखते, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत में यूपीआई (UPI) ने पेमेंट की दुनिया में क्रांति ला दी है, लेकिन किसी भी तकनीकी सिस्टम की तरह इसे भी समय-समय पर मेंटेनेंस की ज़रूरत होती है। इसी क्रम में HDFC बैंक ने अपने ग्राहकों को अलर्ट जारी किया है कि 3 जुलाई 2025 की रात से 4 जुलाई 2025 की रात तक कुछ समय के लिए उसकी UPI सेवा बंद रहेगी।
किस समय बंद रहेगी सेवा?HDFC बैंक की ओर से जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, 3 जुलाई की रात 11:45 बजे से 4 जुलाई की रात 1:15 बजे तक, यानी कुल 90 मिनट के लिए UPI सेवा को बंद किया जाएगा। इस दौरान न तो आप UPI के माध्यम से पेमेंट कर पाएंगे, और न ही कोई पैसे रिसीव कर सकेंगे। यह मेन्टेनेन्स शेड्यूल बैंक ने कम ट्रैफिक समय को ध्यान में रखते हुए तय किया है, ताकि ग्राहकों को न्यूनतम असुविधा हो।
कौन-कौन सी सेवाएं होंगी प्रभावित?यह डाउनटाइम सिर्फ HDFC की मोबाइल बैंकिंग ऐप तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके असर से PhonePe, Google Pay, Paytm, WhatsApp Pay जैसी सभी UPI आधारित ऐप्स प्रभावित होंगी—बशर्ते वे HDFC बैंक से लिंक हों।
इस दौरान ये सेवाएं नहीं चलेंगी:-
UPI से पैसे भेजना या प्राप्त करना
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बैलेंस चेक करना
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UPI पिन बदलना
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HDFC की RuPay क्रेडिट कार्ड से UPI पेमेंट
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बिजनेस ट्रांजेक्शन जिनका पेमेंट गेटवे HDFC बैंक से लिंक है
स्पष्ट रूप से कहा जाए तो जिन भी लोगों का UPI खाता HDFC बैंक से जुड़ा है, उन्हें इस दौरान डिजिटल पेमेंट के लिए किसी वैकल्पिक व्यवस्था की आवश्यकता होगी।
कौन-कौन सी सेवाएं चलती रहेंगी?गौरतलब है कि इस डाउनटाइम के दौरान नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और एटीएम सेवाएं सामान्य रूप से उपलब्ध रहेंगी। यानी अगर आपको किसी जरूरी ट्रांजेक्शन की ज़रूरत है तो आप कार्ड या नेट बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं।
व्यापारियों के लिए भी जरूरी सूचनाHDFC बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि उन सभी व्यापारिक संस्थानों की पेमेंट सेवाएं जो HDFC बैंक से जुड़ी हैं, इस 90 मिनट के समय में बंद रहेंगी। ऐसे व्यापारी न तो किसी ग्राहक से UPI पेमेंट स्वीकार कर सकेंगे और न ही किसी सप्लायर को पैसे भेज पाएंगे।
क्यों किया गया डाउनटाइम?बैंक के अनुसार यह एक अनिवार्य सिस्टम मेंटेनेंस है, जिससे UPI सेवा को और अधिक सुरक्षित, तेज और विश्वसनीय बनाया जा सके। हर डिजिटल प्रणाली को समय-समय पर अपग्रेड और जांच की जरूरत होती है, जिससे संभावित खतरे या तकनीकी समस्याओं से बचा जा सके।
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