बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग (ECI) बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने को लेकर पिछले कुछ समय से कई सवाल उठ रहे हैं। अब ECI ने फैसला किया है कि इस बार वोटर लिस्ट की सख्ती और गहराई से जांच की जाएगी। इसके तहत हर घर की जांच की जाएगी, ताकि किसी वोटर का नाम गलत तरीके से न जोड़ा जाए या न हटाया जाए।
चुनाव आयोग का कहना है कि हर बार की तरह इस बार भी वोटर लिस्ट को अपडेट किया जाएगा, लेकिन बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए यह प्रक्रिया ज्यादा सख्त और विस्तृत होगी। आयोग के मुताबिक, कुछ राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन लगातार चिंता जता रहे थे कि गलत तरीके से नाम हटाए जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए घर-घर जाकर वोटर वेरिफिकेशन करने की तैयारी की जा रही है।
2004 के बाद पहली बार होगा इतना गहन वेरिफिकेशन
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आखिरी बार इतना गहन वेरिफिकेशन 2004 में किया गया था। इसके बाद यह पहली बार होगा जब बिहार में वोटर लिस्ट में दर्ज हर एंट्री का घर-घर जाकर वेरिफिकेशन किया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह वेरिफिकेशन?
आयोग के मुताबिक, हर साल लाखों लोग अपना पता बदलते हैं, कई लोगों की मौत हो जाती है और लाखों नए मतदाता जुड़ते हैं। अकेले 2024 में करीब 46 लाख लोग अपना पता बदलेंगे, 2.3 करोड़ लोगों ने सुधार के लिए आवेदन किया और 33 लाख लोगों ने वोटर कार्ड में बदलाव की मांग की। एक साल में कुल 3.1 करोड़ बदलाव किए गए।
राजनीतिक आरोपों पर क्या कहता है आयोग?
चुनाव आयोग ने इस बात पर खेद जताया है कि इतनी पारदर्शी और सावधान प्रक्रिया के बावजूद आयोग पर मनमाने तरीके से मतदाता सूची में नाम बढ़ाने का आरोप लग रहा है। कांग्रेस समेत कई दलों ने चुनाव आयोग पर वोटर डेटा से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है, हालांकि आयोग का कहना है कि पूरी प्रक्रिया राजनीतिक दलों की निगरानी में होती है।
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