मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से नौ बच्चों की संदिग्ध मौत ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया है। इस दर्दनाक घटना ने न केवल प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि राजनीतिक गर्माहट भी बढ़ा दी है।
मौत के कारणों की जांच जारीस्वास्थ्य विभाग ने तुरंत मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्ट में बच्चों की मौत कफ सिरप के सेवन के बाद हुई बताई गई है, लेकिन इसकी सटीक वजह और सिरप में मिलावट या दुष्प्रभाव की पुष्टि अभी जांच में की जा रही है।
सियासी बयानबाजीकांग्रेस ने इस मामले पर सरकार को आड़े हाथों लिया है और स्वास्थ्य व्यवस्था में निगरानी की कमी और लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जांच पूरी होने तक संयम बरतने की अपील की है और कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रियास्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों और फार्मास्यूटिकल सप्लाई चैन की संपूर्ण जांच शुरू कर दी है। मृत बच्चों के परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों की पहचान कर उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना कराना प्राथमिकता है।
स्थानीय और राष्ट्रीय चिंताछिंदवाड़ा में हुई यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राज्य और देशभर में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर चिंता का विषय बन गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं फार्मास्यूटिकल निगरानी और मानक अनुपालन की कमी को उजागर करती हैं।
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