अमेरिका में वर्क वीजा के साथ नौकरी पाना हर विदेशी छात्र का सपना होता है, लेकिन यह जितना आकर्षक लगता है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है। खासकर जब बात आती है स्पॉन्सरशिप वाली नौकरी की, तो प्रक्रिया और भी मुश्किल हो जाती है। भारतीय छात्र मोहम्मद वसीम की कहानी उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा बन सकती है, जो अमेरिका में पढ़ाई पूरी करने के बाद वहां नौकरी की तलाश में हैं।
1000 से ज्यादा जॉब अप्लिकेशन, फिर भी नहीं मिला इंटरव्यू कॉलमोहम्मद वसीम अमेरिका में पढ़ाई के दौरान कई इंटर्नशिप कर चुके थे और कैंपस में पार्ट-टाइम जॉब भी की थी। उन्होंने 1000 से ज्यादा नौकरियों के लिए आवेदन किया, लेकिन उन्हें एक भी इंटरव्यू कॉल नहीं आया। यह अनुभव उनके लिए न केवल निराशाजनक था, बल्कि हैरान कर देने वाला भी था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी रणनीति की समीक्षा की और पाया कि वे दो अहम गलतियां कर रहे थे।
गलतियां जो कर रही थीं नुकसानपहली गलती थी कि वसीम हायरिंग मैनेजर तक अपनी प्रोफाइल पहुंचा ही नहीं पा रहे थे। दूसरी गलती थी कि वे अपनी रिज्यूमे को उस नौकरी की जरूरतों के अनुसार नहीं बना रहे थे, जिसके लिए आवेदन कर रहे थे। इन कमियों को दूर करते ही उन्हें सफलता मिलनी शुरू हो गई। आज वसीम अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी Molson Coors Beverage Company में सीनियर डेटा इनसाइट्स एनालिस्ट के रूप में काम कर रहे हैं।
अब वसीम ने अपनी जर्नी से सीखी गई 4 रणनीतियों को साझा किया है, जिन्हें अपनाकर भारतीय छात्र भी अमेरिका में स्पॉन्सरशिप वाली नौकरी पा सकते हैं।
1. जॉब की जरूरतों को अच्छे से समझें और उसी अनुसार रिज्यूमे बनाएंवसीम बताते हैं कि कई छात्र बिना सोचे-समझे सैकड़ों नौकरियों के लिए एक ही रिज्यूमे के साथ अप्लाई कर देते हैं। यह सबसे बड़ी गलती होती है। उन्होंने कहा कि हर जॉब की अपनी विशेष जरूरतें होती हैं, जिन्हें ध्यान से पढ़ना और समझना चाहिए। इसके बाद उस जॉब डिस्क्रिप्शन के अनुसार रिज्यूमे को कस्टमाइज़ करना चाहिए। इससे आपकी प्रोफाइल जॉब के लिए अधिक उपयुक्त दिखती है और रिक्रूटर की नजर में जल्दी आती है।
2. रेफरल या रिकमेंडेशन लेटर से बढ़ती है इंटरव्यू की संभावनावसीम का मानना है कि रेफरल जॉब पाने का सीधा तरीका नहीं होता, लेकिन यह आपकी एप्लिकेशन को प्राथमिकता दिलाने में मदद जरूर करता है। एक रेफरल से हायरिंग मैनेजर तक आपकी प्रोफाइल सीधे पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि अगर आप किसी कंपनी में सीनियर डेटा एनालिस्ट की नौकरी चाहते हैं, तो उसी टीम में काम कर रहे किसी व्यक्ति से संपर्क करें और उनसे रेफरल मांगें। इससे आपकी प्रोफाइल को सीरियसली लिया जाता है।
3. बिना स्पॉन्सरशिप वाली नौकरियों से बचेंकई बार छात्र जल्दबाजी में किसी भी नौकरी के लिए अप्लाई कर देते हैं, भले ही उसमें वर्क वीजा स्पॉन्सरशिप न हो। वसीम ने कहा कि ऐसी नौकरियों के लिए अप्लाई करना समय की बर्बादी है। उन्होंने बताया कि कई वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स हैं, जहां से आप केवल उन नौकरियों को फिल्टर कर सकते हैं, जो वीजा स्पॉन्सर करती हैं। शुरुआत से ही अपने टारगेट को स्पष्ट रखें और उन्हीं कंपनियों पर फोकस करें जो वीजा स्पॉन्सर करती हैं।
4. नेटवर्किंग से खुलते हैं छिपे हुए मौकेवसीम ने नेटवर्किंग को अमेरिका में नौकरी पाने का सबसे मजबूत तरीका बताया। उनके अनुसार, कई नौकरियों के लिए कभी कोई विज्ञापन नहीं निकलता। ऐसे जॉब्स केवल नेटवर्किंग के माध्यम से मिलते हैं। उन्होंने कहा कि करियर फेयर, कॉन्फ्रेंस, प्रोफेशनल इवेंट्स में भाग लें, लिंक्डइन पर एक्टिव रहें, और कोल्ड ईमेल भेजने से न डरें। नेटवर्किंग से न केवल आपको रेफरल मिलते हैं, बल्कि करियर की संभावनाएं भी खुलती हैं।
निष्कर्ष: सही रणनीति से मिल सकती है सफलतामोहम्मद वसीम की कहानी यह बताती है कि अमेरिका में स्पॉन्सरशिप वाली जॉब पाना नामुमकिन नहीं है, बस इसके लिए सही रणनीति अपनानी होती है। अगर आप नौकरी की जरूरतों को समझकर रिज्यूमे बनाएं, रेफरल पर ध्यान दें, स्पॉन्सरशिप वाली जॉब्स पर फोकस करें और नेटवर्किंग को प्राथमिकता दें, तो आपकी सफलता की राह आसान हो सकती है।
अमेरिका में पढ़ रहे या पढ़ाई पूरी कर चुके भारतीय छात्रों के लिए वसीम की सलाहें किसी मार्गदर्शक से कम नहीं हैं। मेहनत, धैर्य और स्मार्ट स्ट्रैटेजी से आप भी अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं।
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