जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की भजनलाल सरकार द्वारा सरिस्का वन क्षेत्र के दायरे को कम किए जाने की खबरों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। अशोक गहलोत ने इस संबंध में सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात कही है। उन्होंने इस संबंध में एक्स के माध्यम से कहा कि सरिस्का टाइगर रिजर्व बाघों के संरक्षण एवं पुनर्वास का एक अद्वितीय उदाहरण है। करीब 20 साल पहले यहां बाघों की संख्या शून्य हो गई थी। तत्कालीन यूपीए सरकार ने बाघों के लिए विशेष अभियान चलाया एवं सरिस्का अभयारण्य के वन क्षेत्र की सीमा तथा सुरक्षा को बढ़ाया जिसके कारण वर्तमान में यहां लगभग 50 बाघ आबाद हो चुके हैं।
अशोक गहलोत ने इस इस संबंध में आगे कहा कि मीडिया में आए समाचारों से पता लगा है कि राज्य सरकार सरिस्का वन क्षेत्र के दायरे को कम करना चाहती है, जिससे करीब 50 खदानें पुन: शुरू हो सकें। जंगल के निकट इन खदानों को शुरू करने का नुकसान यहां के वन्यजीवों को उठाना पड़ेगा।
वन एवं पर्यावरण मंत्री को इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता
तीन बार राजस्थान के मुख्यमंत्री रह चुके अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्र व राजस्थान दोनों सरकारों में वन एवं पर्यावरण मंत्री अलवर से ही हैं इसलिए उन्हें इस मुद्दे पर अधिक संवेदनशील होने की आवश्यकता है। राजस्थान में भाजपा सरकार आने के बाद से ही पर्यावरण एवं वन्यजीवों के प्रतिकूल कई प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी जा रही है। यह प्रदेश के भविष्य के लिए उचित नहीं है। ऐसी योजना को अविलंब रद्द करना चाहिए।
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