इंटरनेट डेस्क। राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला किया हैं और वो ये अब महापौर, सभापति और अध्यक्ष जमीन के पट्टे से जुड़ी फाइल का 15 दिन में निस्तारण नहीं करते हैं तो स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक से हस्ताक्षर करवाकर पट्टे जारी किए जा सकेंगे। स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। इन आदेशों के बाद कई लोगों को राहत मिलेगी।
बदला गया पट्टों का प्रारूप
मीडिया रिपोटर्स की माने तो जमीन, मकान और आवास के पट्टों के प्रारूप में बदलाव किया गया है। इसमें प्रशासन शहरों संग अभियान का लोगो और सीएम की फोटो हटा दिया जाएगा। इसकी जगह केवल पट्टाधारक की ही फोटो लगाने के निर्देश दिया गया है। पट्टों पर आयुक्त, उपायुक्त संबंधित अधिकारी साइन करते हैं। इसके बाद पट्टे की फाइल महापौर, सभापति या चेयरमैन के पास जाती है। फाइल पर ये साइन करते हैं इसके बाद पट्टा जारी होता है।
पूर्व सरकार ने भी दिखाई थी सख्ती
मीडिया रिपोटर्स की माने तो इससे पहले की कांग्रेस सरकर ने भी सख्ती दिखाई थी। नवबंर 2021 में इसी तरह के आदेश जारी किए थे। प्रशासन शहरों के संग अभियान के दौरान फैसला लिया था की पट्टे से संबंधित फाइल पर महापौर और सभापति 15 दिन में हस्ताक्षर नहीं करते तो उनकी डीम्ड अनुमति मानी जाएगी। ऐसे में निकाय आयुक्त या अधिशासी अधिकारी अपने स्तर पर ही पट्टा जारी कर सकेंगे। बता दें की सरकार के इस फैसले से लोगों को कई तरह की राहत मिलेगी।
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