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केरल का श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर: रहस्यमय खजाने और धार्मिक आस्था का केंद्र

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श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का परिचय

भारत के मंदिर केवल श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक नहीं हैं, बल्कि कई बार रहस्यमय खजानों के कारण भी चर्चा में रहते हैं। ऐसा ही एक मंदिर है केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर, जिसे देश का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। इसकी प्रसिद्धि भगवान विष्णु के ‘अनंत शयन’ रूप के साथ-साथ इसके तहखानों में छिपे खजाने के कारण भी है, जिसने इसे विश्व स्तर पर रहस्यमय बना दिया है।


पद्मनाभस्वामी मंदिर का ऐतिहासिक महत्व

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर की स्थापना लगभग 5000 वर्ष पूर्व हुई मानी जाती है। यह भगवान विष्णु को समर्पित है, जहां उन्हें विशाल रूप में ‘अनंत शेष’ पर लेटे हुए दर्शाया गया है। त्रावणकोर राजघराने ने इस मंदिर का संरक्षण सदियों तक किया और इसे भगवान को समर्पित कर दिया गया था। राजा खुद को ‘पद्मनाभदास’ यानी भगवान पद्मनाभ का सेवक मानते थे।


खजाने का रहस्य

साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मंदिर के छह तहखानों को खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई। इनमें से पांच तहखानों (Vaults) को खोला गया, जिनमें सोना, हीरे, रत्न, प्राचीन आभूषण, सोने की मूर्तियां, हजारों कीमती कलाकृतियां और बेशकीमती सिक्कों का खजाना मिला। इसकी अनुमानित कीमत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक आँकी गई, जिससे पद्मनाभस्वामी मंदिर दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों की सूची में सबसे ऊपर आ गया।


Vault B: रहस्यमयी द्वार

इस मंदिर का सबसे रहस्यमयी हिस्सा ‘Vault B’ है, जिसे आज तक नहीं खोला जा सका है। मान्यता है कि इस द्वार पर नागबन्धम् यंत्र का प्राचीन तांत्रिक ताला लगा है, जिसे केवल विशेष मंत्रों और विधियों से ही खोला जा सकता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसे खोलना अपशकुन ला सकता है और इससे प्रलय भी आ सकती है। इसलिए इसे आज तक नहीं खोला गया और यह तहखाना रहस्य बना हुआ है।


सुरक्षा और सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

मंदिर के खजाने और उसकी सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में फैसला सुनाया कि मंदिर की देखरेख और संचालन का अधिकार त्रावणकोर राजघराने को ही दिया जाएगा। इस खजाने की सुरक्षा अब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और विशेष सुरक्षाबलों के हाथ में है।


धार्मिक आस्था का केंद्र

पद्मनाभस्वामी मंदिर न केवल रहस्यों और खजाने के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और भगवान विष्णु के प्रति अपनी आस्था प्रकट करते हैं।


निष्कर्ष

निष्कर्ष:
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, इतिहास, और रहस्य का जीवंत संगम है। जहां एक ओर यह भगवान विष्णु की भक्ति से ओतप्रोत है, वहीं दूसरी ओर इसके तहखानों में छिपा खजाना और ‘Vault B’ का रहस्य आज भी लोगों की जिज्ञासा का कारण बना हुआ है। यह मंदिर भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का एक अनमोल रत्न है।


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